बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश रामप्रताप अस्थाना ने साक्ष्य सही पाते हुए हत्या मामले के तीन आरोपियों चिंता देवी, सुनील प्रसाद व पिंटू कुमार को दोषी करार किया. आरोपित आपस में मां व पुत्र हैं. सभी आरोपित व पीड़ित नालंदा थाना क्षेत्र के सारिलचक ग्राम वासी हैं. सत्र परिवाद संख्या 186/05 के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से एपीपी अजय कुमार रातोगी ने बहस की थी. मजाक की कीमत पीड़ित महेंद्र प्रसाद को जान से चुकानी पड़ी थी.
जबकि पीड़ित जगन्नाथ रविदास को हल जोतने के लिए कहा तो उसने कहा कि उसे सुरेश महतो का हल जोतना है. इसलिए वह असमर्थ है. इस पर अन्य ग्रामीणों ने मजाक के लहजे में कहा कि पीड़ित का हल नहीं सिर्फ सुरेश का ही हल चलेगा. यह मजाक जगन्नाथ ने आरोपितों ने चिंता देवी को बता दी. उसके बाद वह पीड़ित तथा अन्य के घर जाकर धमकी दी. पीड़ित छह मई 2004 के पांच बजे सुबह खलिहान होते हुए गेहूं का बोझाा लाने खेत जा रहा था. आरोपित घात लगाकर वहीं बैठे हुए थे.
पीड़ित ने वहां पहुंचते ही लाठी डंडा व पत्थर से प्रहार किया. जिससे वह वहीं बेहोश हो गया और पीएमसीएच में उपचार के दौरान अगले दिन सात मई 2004 को मृत्यु हो गयी. कुल 11 गवाहों का परीक्षण इस मामले के विचारण के दौरान किया गया था. सजा निर्धारण पर फैसला 23 जून को होगा.