पहल. दस्तावेजों की बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी
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1900 से लेकर अब तक के डाक्यूमेंट्स की बनेगी लाइब्रेरी
पहल. दस्तावेजों की बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी जमीन निबंधन के डाक्यूमेटों का होगा डिजिटलीकरण बिहारशरीफ : आधुनिक युग डिजिटल का होगा. इसके लिये तैयारी जा रही है. खासकर सरकारी कार्य और दस्जावेजों को लंबे अरसे तक सुरक्षित करने के लिये डिजिटलीकरण आवश्क अंग हो गया है. जमीनों के डाक्यमेंटों का डिजिटलीकरण किया जायेगा. इसके लिये निबंधन […]
जमीन निबंधन के डाक्यूमेटों का होगा डिजिटलीकरण
बिहारशरीफ : आधुनिक युग डिजिटल का होगा. इसके लिये तैयारी जा रही है. खासकर सरकारी कार्य और दस्जावेजों को लंबे अरसे तक सुरक्षित करने के लिये डिजिटलीकरण आवश्क अंग हो गया है. जमीनों के डाक्यमेंटों का डिजिटलीकरण किया जायेगा. इसके लिये निबंधन विभाग के द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है. जिले के निबंधन कार्यालय के द्वारा खरीद-बिक्री डाक्यूमेंटो का डिजिटल लाईब्रेरी बनाया जायेगा.
इस पर काम शुरू कर दिया गया है. विभाग के द्वारा इसके लिये एचपी एजेंसी का चयन किया है. एजेंसी के सदस्यों के द्वारा बिहारशरीफ निबंधन कार्यालय में काम करना प्रारंभ्भ कर दिया है. अबर निबंधन पदाधिकरी नीरज कुमार बताते है एक साल में डिजिटल लाईब्रेरी बनाये जाने का समय विभाग के द्वारा तय किया गया है.
डाक्यूमेंटों को स्कैन करके क काम शुरू कर दिया गया.दस साल का आधार बनाकर दस्तावेज को स्कैन किया जा रहा है. दस्तावेज को स्कैन करने के बाद उसका मिलान मूल कॉपी किया जाना है कि कोई शब्द छुट नहीं पाये. वर्ष 2006 से 1995 तक दस्तावेज को स्कैन किया जा रहा है. घटते वर्ष के अनुसार दस्तावेज का स्कैन किया जायेगा. चालू साल से लेकर 1900 तक के डाक्यमेंटों का डिजिटलीकरण किया जाना है.
ऑनलाइन कोई भी दे सकता है दस्तावेज
अभी जो व्यवस्था उसके अनुसार जमीनों के दस्तावेजों का नकल लेने के लिये कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. जब डिजिटल लाईब्रेरी बन जायेगा तो 24 घंटे ऑनलाइन सेवा चालू हो जायेगा. कोई भी व्यक्ति दस्तावेज को देख सकता है. अबर निबंधन अफसर नीरज कुमार बताते है कि यह काम अगर हो जाता है तो व्यक्ति के नाम के पहले दो अक्षर के सहारे कहीं से भी देखा जा सकता है.
वे बताते है कि बेव कॉपी भी लोग निकाल सकते है. विजिलेंस के द्वारा किसी संदिग्ध व्यक्ति के जमीनों की जानकारी लेने के लिये अभी भूमि जानकारी विभाग से मदद लेना पड़ रहा है. डिजिटल लाईब्रेरी होने से और आसानी से जानकारी हासिल मिलने लगेंगा. डिजिटल लाईब्रेरी से जमीन की कीमत से लेकर जमीन से संबंधित सभी तरह की जानकारी हासिल लोग कर सकेंगे.
वित्तीय साल में 112 करोड़ का लक्ष्य
जिले को चालू वित्तीय साल 112 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है. लक्ष्य के अनुरूप अब तक 15 फीसदी राजस्व निबंधन विभाग को हासिल हो गया है. पिछले साल में 91 करोड़ का लक्ष्य मिला था. नोटबंदी के बाबजूद कार्यालय ने लक्ष्य हासिल कर लिया था
क्या कहते हैं अधिकारी
आने वाले समय में जमीन के दस्तावेज ज्यादा सुरक्षित होगा. डाटा में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. दस्तावेज को लोग कहीं से देख सकेंगे. बेव कॉपी भी निकाल सकते है. रिकार्ड नहीं होने के झमेले से भी मुक्ति मिल जायेगी.
नीरज कुमार, अवर निबंधक नालंदा
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