फर्जीवाड़ा. डायट नूरसराय ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, नियोजित शिक्षकों में हड़कंप
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फर्जी प्रमाणपत्र पर कर रहे नौकरी
फर्जीवाड़ा. डायट नूरसराय ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, नियोजित शिक्षकों में हड़कंप जिला शिक्षा कार्यालय से की गयी कार्रवाई की मांग बिहारशरीफ : डायट नूरसराय नालंदा ने जिले के नियोजित शिक्षकों में बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है. यह मामला संस्थान के सत्र 2017-19 में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आये अभ्यर्थियों द्वारा […]
जिला शिक्षा कार्यालय से की गयी कार्रवाई की मांग
बिहारशरीफ : डायट नूरसराय नालंदा ने जिले के नियोजित शिक्षकों में बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है. यह मामला संस्थान के सत्र 2017-19 में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आये अभ्यर्थियों द्वारा जमा कराये गये दस्तावेजों के निरीक्षण के दौरान सामने आया है. इसकी सूचना मिलते ही नियोजित शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. एडमिशन के लिए प्राप्त आवेदनों में सैकड़ों ऐसे अभ्यर्थी पाये गये जिन्होंने या तो टीइटी क्वाइलीफाइ ही नहीं किया है,
या फिर भी प्राप्तांक को बढ़ा कर नौकरी कर रहे हैं. कई अभ्यर्थियों द्वारा एक ही टीइटी क्रमांक वाले टीइटी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किये गये हैं. कई अभ्यर्थियों के तो पिता अथवा पति का नाम भी अलग है, लेकिन वे उसे अपने प्रमाणपत्र के रूप में उपयोग कर रहे हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि ये सभी नियोजित शिक्षक अब तक विद्यालयों में अपनी सेवा देते रहे हैं तथा सरकार से मानदेय भी उठा रहे हैं.
इतना ही नहीं हाइकोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष जांच टीम को भी ये शिक्षक अब तक चकमा देते आ रहे हैं. उल्लेखनीय है कि टीइटी पास नियोजित शिक्षक प्रशिक्षण के लिए भी अपना आवेदन संस्थान के पास जमा कराये हैं. जब संस्थान द्वारा नामांकन के लिए आये आवेदनों की जांच की गयी, तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया. संस्थान की प्राचार्या डाॅ रश्मि प्रभा नियोजित शिक्षकों द्वारा अपनाये गये इस फर्जीवाड़े से हैरान रह गयीं. उन्होंने ऐसे कई आवेदनों को अलग छांट कर जब गहराई से निरीक्षण किया, तो कई बातें सामने आयी. प्राचार्या द्वारा संशय की स्थिति में ऐसे 79 अभ्यर्थियों को विगत सात जून को मूल प्रमाणपत्रों के साथ संस्थान में उपस्थित होने की सूचना दी गयी. सूचना पर महज ग्यारह अभ्यर्थी ही मूल प्रमाणपत्र के साथ उपस्थित हो सके. शेष अभ्यर्थी काउंसेलिंग से गायब हो गये. जबकि प्राचार्या द्वारा सख्त निर्देश दिया गया था कि जो अभ्यर्थी काउंसेलिंग में भाग नहीं लेंगे उनके आवेदन को रद्द कर दिया जायेगा. इसके बावजूद नियोजित शिक्षक फर्जीवाड़ा पकड़े जाने की आशंका से भयभीत होकर काउंसेलिंग में शामिल नहीं हुए. अंतत: प्राचार्या द्वारा काउंसेलिंग से गायब होने वाले सभी अभ्यर्थियों की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा को सौंप कर इसकी जांच करने का आग्रह किया गया है. हालांकि विभाग द्वारा अबतक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. विभागीय सूत्रों की मानें तो यदि सभी अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों में संलग्न टीइटी एवं अन्य प्रमाणपत्रों की गहराई से जांच की जाये तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है. हालांकि संस्थान द्वारा ऐसे 79 अभ्यर्थियों की सूची डायट, नालंदा के साइट पर संशय सूची के नाम से डाल दिया गया है.
बोले डीइओ
मुझे इस प्रकार के किसी सूची की जानकारी नहीं है. मैं अभी पटना में हूं. बुधवार को कार्यालय आने पर जानकारी लेकर बताया जायेगा.
डाॅ संगीता सिन्हा, डीइओ, नालंदा
बोलीं प्राचार्या
एक ही प्रकार के कई टीइटी प्रमाणपत्र देख कर मुझे हैरानी हुई. संसाधनों अभाव के बावजूद कुछ प्रमाणपत्रों की जांच करने के उपरांत कई गड़बड़ियां सामने आयीं. इसकी सूचना जिला शिक्षा कार्यालय को दे दिया गया है.
डाॅ रश्मि प्रभा, प्राचार्या, डायट नूरसराय, नालंदा
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