संवाददाता, मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच के एमसीएच (मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल) से एक बच्चे को बदले जाने का मामला 13 दिन बाद भी सुलझ नहीं पाया है. अहियापुर थाना के विजयी छपरा गांव के अजीत कुमार और उनकी पत्नी चंचला का बच्चा अब तक बरामद नहीं हो सका है, जिससे परिवार की बेचैनी बढ़ती जा रही है. चंचला और उनके पति लगातार पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. इस मामले की जांच कर रही दरोगा अनुष्का आर्यन ने बताया कि घटना के समय एमसीएच में मौजूद नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की जानकारी अस्पताल प्रबंधक से मांगी गई है. उन्होंने कहा कि सूची मिलने के बाद सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. वहीं, अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिंह ने जानकारी मांगने की बात से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि पुलिस पहले ही रजिस्टर की जांच कर चुकी है. उन्होंने इस मामले के लिए विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में एक टीम भी बनाई थी, जिसने परिवार के लोगों से पूछताछ की है. सीसीटीवी फुटेज में भी कोई सुराग नहीं चंचला ने 19 अगस्त को एक लड़के को जन्म दिया था, लेकिन उनके पति ने नर्सिंग स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. इसके बाद 20 अगस्त को एसकेएमसीएच पुलिस कैंप में प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने चंचला के साथ प्रसव कराने वाली 11 अन्य महिलाओं के घर भी जाकर जांच की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. 23 अगस्त को दरोगा अनुष्का आर्यन ने सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की, लेकिन बच्चे से जुड़ा कोई सुराग हाथ नहीं लगा. यह मामला पुलिस और अस्पताल प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, और पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद में लगातार अधिकारियों का चक्कर लगा रहा है. यह मामला पुलिस और अस्पताल प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, और पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद में लगातार अधिकारियों का चक्कर लगा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

