मुख्यमंत्री समग्र विकास योजनाओं में धांधली, भविष्य पर सवालिया निशान
वार्ड बदलने का खेल, गलत एस्टीमेट का झोल
बुडको की लापरवाही से विकास कार्यों पर संकट
देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर
मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत चयनित योजनाओं को धरातल पर उतारने की कवायद में बुडको की गंभीर लापरवाही सामने आयी है. योजनाओं के चयन में भारी गड़बड़ी हुई है, जिससे निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गया है. बुडको ने योजनाओं के चयन में अनियमितताएं बरती हैं. नाला निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाया गया है, लेकिन जारी टेंडर में सड़क निर्माण का भी जिक्र किया गया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चयनित योजनाओं में वार्ड नंबर तक बदल दिये गये हैं. वार्ड नंबर 49 की दो योजनाओं को दूसरे वार्ड के नाम पर जारी किया गया है. श्यामनंदन सहाय कॉलेज, जो वार्ड नंबर 49 में स्थित है, उससे संबंधित योजना को बुडको के परियोजना निदेशक द्वारा जारी 15 योजनाओं के टेंडर में वार्ड नंबर 01 के नाम से दिखाया गया है. यह योजना, श्यामनंदन सहाय कॉलेज के बगल से दिनेश शर्मा के घर होते हुए ब्रह्मर्षि नगर तक सड़क एवं नाला निर्माण की है. यही नहीं, वार्ड नंबर 49 की एक और योजना, जो बेला बड़ हनुमान मंदिर से बेला सामुदायिक भवन होते हुए संजीत चौधरी के घर की ओर से विनोद राम के घर के मुख्य सड़क तक रोड एवं नाला निर्माण है. इस योजना को वार्ड नंबर 47 में कर दिया गया है. यह भारी गड़बड़ी है, जो भविष्य में बुडको को कटघरे में खड़ा कर सकता है. इसी प्रकार, मिठनपुरा चौक से बेला इमली चौक तक सड़क निर्माण के लिए नगर निगम ने टेंडर फाइनल कर एजेंसी का चयन कर लिया है और वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया है. लेकिन, नाला निर्माण के लिए जारी टेंडर में इस सड़क के निर्माण का भी उल्लेख है, जबकि एस्टीमेट केवल नाला निर्माण का है.
बॉक्स: बुडको की दागदार छवि, सवाल उठना लाजिमी
बुडको के माध्यम से शहरी क्षेत्र में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विकास योजनाओं पर काम किया जायेगा. हालांकि, मुजफ्फरपुर में बुडको द्वारा पहले शुरू की गयी योजनाएं या तो अधर में लटकी हुई हैं या अभी तक पूरी नहीं हुई हैं. एक-दो योजनाओं का काम पूरा भी हुआ, लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि वे बनते ही टूट गईं. बुडको द्वारा लगभग पांच साल से चल रहा एसटीपी और ड्रेनेज का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. पिछले दिनों समीक्षा के दौरान मंत्री जीवेश कुमार ने भी इस पर नाराजगी जताई थी.
बॉक्स ::: विकास कार्यों में पारदर्शिता जरूरी, बुडको कमेटी को ठहरा रहा जिम्मेदार
इन गंभीर गड़बड़ियों के सामने आने के बाद बुडको की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के कारण योजनाओं के भविष्य पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं. नागरिकों में बुडको के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है और वे परियोजनाओं की सफलता को लेकर चिंतित हैं. हालांकि, बुडको के एई नारायण दूबे से जब पूछा गया, तो उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार योजनाओं के चयन के लिए बनी कमेटी को ठहराया है. कहा कि कमेटी से ही योजनाओं के नाम का चयन हुआ है. इसलिए, कमेटी समझे कि कहां से कैसे गड़बड़ी हुई.
कोट ::
मेरे वार्ड के तीन-तीन योजनाओं में गड़बड़ी की गयी है. तकनीकी रूप से योजनाओं के नाम व एस्टीमेट में गड़बड़ी करना ठीक नहीं है. इसमें अविलंब सुधार होना चाहिए.
पिंकी साह, पार्षद वार्ड नंबर 49B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है