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मुजफ्फरपुर में इन नंबरों पर फोन कर दे सकते हैं शराब संबंधी गुप्त सूचना, अवैध धंधे में शामिल सफेदपोश भी अब प्रशासन के रडार पर

शराब तस्करों के ठिकानों को खोजने शुक्रवार की सुबह पुलिस व उत्पाद विभाग की छह टीम एक साथ कई इलाकों में निकली. डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर पुलिस की टीम दादर नदी के किनारे, राजा पुनास, चैनपुर चिउटांहां, बतरौलिया,आथर, सिकंदरपुर बांध व खरौना में छापेमारी की. इस दौरान 44 लीटर चुलाई शराब, 25 लीटर ताड़ी, 1250 लीटर गुर मिश्रित द्रव्य, दो बाइक, दो चुलाई मशीन, 15 लीटर क्षमता वाले 10 प्लास्टिक के बर्तन , एल्युमुनियम की हांडी के साथ आठ तस्करों को गिरफ्तार किया गया.

शराब तस्करों के ठिकानों को खोजने शुक्रवार की सुबह पुलिस व उत्पाद विभाग की छह टीम एक साथ कई इलाकों में निकली. डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर पुलिस की टीम दादर नदी के किनारे, राजा पुनास, चैनपुर चिउटांहां, बतरौलिया,आथर, सिकंदरपुर बांध व खरौना में छापेमारी की. इस दौरान 44 लीटर चुलाई शराब, 25 लीटर ताड़ी, 1250 लीटर गुर मिश्रित द्रव्य, दो बाइक, दो चुलाई मशीन, 15 लीटर क्षमता वाले 10 प्लास्टिक के बर्तन , एल्युमुनियम की हांडी के साथ आठ तस्करों को गिरफ्तार किया गया.

मामले में देर शाम सभी तस्करों के खिलाफ उत्पाद थाने में केस दर्ज किया गया. डीएम ने बताया कि शराब के खिलाफ सख्त अभियान चलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों के अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों पर भी विभाग की पैनी नजर है. होम डिलीवरी कराने व करने वाले रडार पर है. शराब के धंधे में शामिल सफेदपोश को जल्द बेनकाब किया जायेगा.

पूर्वी क्षेत्र मुजफ्फरपुर के लिए 9473400671 पश्चिमी क्षेत्र मुजफ्फरपुर के लिए 85444 24375 पर सूचना दी जा सकती है. इसके अतिरिक्त 85444 24371, 8544424369, 8294076944, 8544424 376,8789382896,620 2755493 ,8544424374 एवं 8544424378 पर सूचना दी जा सकती है.

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शराब बिक्री समेत छह आपराधिक मामलों में शामिल आरोपितों की बेल को लेकर एसएसपी ने जिला अभियोजन अधिकारी ज्ञानचंद्र भारद्वाज को कोर्ट में होने वाली कार्रवाई की जानकारी समय पर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी है. एसएसपी ने पत्र भेजकर कहा है कि आरोपितों को किस-किस कांड में रिमांड किया जा रहा, यह जानकारी अभियोजन पदाधिकारी की ओर से नहीं दी जाती. जनवरी में छह मामलों में आरोपितों को धारा 167 (दो) के तहत बेल मिलने का भी जिक्र है.

पत्र में कहा है कि रिमांड स्वीकार या अस्वीकृत करने की सूचना वरीय अधिकारी को नहीं दी जा रही है. सूचना देने की जिम्मेदारी अभियोजन अधिकारी की है, लेकिन ऐसा नहीं होने से आरोपितों को धारा 167 (दो) का लाभ मिल रहा है.

पत्र में यह भी कहा है कि जेल भेजे गये आरोपितों की निर्धारित अवधि पूरी होने की जानकारी वरीय अधिकारी व जांच अधिकारी को समय पर देना सुनिश्चित किया जाए, जिससे चार्जशीट दाखिल किया जा सके. वहीं, जिला अभियोजन अधिकारी का कहना है कि आरोपितों की रिमांड व कार्रवाई की सूचना देने की जिम्मेदारी अभियोजन अधिकारी की नहीं होती है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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