::: करोड़ों के ””””स्मार्ट”””” कैमरे: पब्लिक पर ””””तेज””””, अपराधियों पर ””””फेल””””, मिठनपुरा दोहरे हत्याकांड में भी कैमरों से नहीं मिला कोई सुराग
::: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर उठे गंभीर सवाल, सुरक्षा हुई ताक पर
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर शहर में करोड़ों रुपये खर्च कर लगाया गया अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरा सिस्टम अब महज चालान मशीन बनकर रह गया है. कंपनीबाग स्थित कंट्रोल रूम से संचालित ये ””””स्मार्ट”””” कैमरे जहां हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने वालों की तस्वीरें कैद कर लाखों का जुर्माना वसूल रहे हैं. वहीं, गंभीर अपराधों के अपराधियों की पहचान करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं. शहर में लगे 153 करोड़ से अधिक के इस इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम पर तब सवाल उठे, जब हाल ही में मिठनपुरा में हुई तीन सनसनीखेज हत्याओं में भी पुलिस को इन कैमरों से कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया. इसपर सोमवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा. वार्ड नंबर 40 के पार्षद मो इकबाल हुसैन और वार्ड नंबर 46 के मो सैफ अली ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जब लोगों की जान की सुरक्षा ही सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, तो इन महंगे कैमरों का क्या फायदा. क्या यह सिर्फ आम नागरिकों पर आर्थिक बोझ डालने का एक षडयंत्र है. पार्षदों के इन तीखे सवालों का जवाब बैठक में मौजूद अधिकारियों के पास नहीं था. पार्षदों का कहना है कि यह स्पष्ट हो गया कि स्मार्ट सिटी का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट फिलहाल आम जनता के लिए जुर्माना वसूलने का जरिया बनकर रह गया है. जबकि, अपराधियों के लिए यह शहर आज भी उतना ही सुरक्षित है जितना पहले था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है