मुजफ्फरपुर के उमेश कुमार को पेट दर्द की शिकायत पर भर्ती किया गया, लेकिन बेड न मिलने से फर्श पर लेटना पड़ा; परिजनों ने की लापरवाही की शिकायत सुमित, मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच), मुजफ्फरपुर की अव्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई है. बुधवार को सरैया थाना क्षेत्र के बहिलबारा गांव निवासी उमेश कुमार पेट दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती तो कर लिया, लेकिन इलाज और सुविधा का अभाव साफ़ दिखाई दिया. बेड न मिलने के कारण उमेश को मजबूरी में इमरजेंसी वार्ड की फर्श पर गमछा बिछाकर लेटना पड़ा. इसी बीच नर्स ने उनके एक हाथ में स्लाइन चढ़ा दिया और दूसरे हाथ में स्लाइड की बोतल थमा दी. यह नजारा अस्पताल की बदहाल व्यवस्था की पोल खोलता दिखा. परिजनों ने आरोप लगाया कि कई बार आग्रह करने के बावजूद न तो मरीज को स्ट्रेचर मिला और न ही उचित इलाज की व्यवस्था की गई. इस लापरवाही को देखकर वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों और परिजनों में भी नाराजगी देखी गई.मरीज के परिजनों का कहना है कि जिस अस्पताल पर हजारों लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी है, वहीं इस तरह की लापरवाही से आम मरीज असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि एसकेएमसीएच में यह पहली बार नहीं है जब मरीजों को इलाज के लिए फर्श पर लेटना पड़ा हो. अस्पताल में लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या के बावजूद बेड और बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है.
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