:: सरकार का बड़ा फैसला: तीन से चार महीने में रजिस्ट्री प्रक्रिया में किया गया बड़ा बदलाव, जनता को मिलेगी सुविधा
::: पहले चरण में 10 कार्यालयों में शुरुआत : राज्य के सभी 137 कार्यालयों में अगले महीने से लागू होगी पेपरलेस रजिस्ट्री
देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर
ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होने के तीन-चार महीने के भीतर ही सरकार ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. अब जमीन की खरीद-बिक्री पेपरलेस होगी. इसकी शुरुआत आगामी 22 अप्रैल से राज्य के तीन जिला निबंधन कार्यालय – आरा, शेखपुरा, और जहानाबाद से होगी. इसके अलावा सात मुफस्सिल कार्यालय – पटना के फतुहा, संपतचक व बाढ़, सारण जिला के सोनपुर, वैशाली के पातेपुर, रोहतास के डेहरी, एवं मोतिहारी का केसरिया रजिस्ट्री ऑफिस भी इस पहले चरण में शामिल हैं. इसके बाद इस प्रणाली को धीरे-धीरे सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में लागू किया जायेगा. लक्ष्य है कि अगले एक से दो महीने के भीतर राज्य के सभी 137 रजिस्ट्री कार्यालयों में पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू हो जाये. उप निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है और बाकी सभी डीएसआर व एसआर को तैयार रहने का निर्देश दिया है.इस नयी प्रणाली में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, आधार प्रमाणीकरण और वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अपनाया जायेगा. इससे पक्षकार अपने स्थान से ही ऑनलाइन रजिस्ट्री कर सकेंगे और स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा. इस व्यवस्था से रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े की आशंका भी कम होगी.
बॉक्स :: कातिब व स्टांप वेंडर नहीं होंगे बेरोजगार
इस बीच कातिब और स्टाम्प वेंडर इस नयी व्यवस्था का विरोध कर रहे थे. हालांकि, सरकार ने उन्हें बेरोजगार होने से बचा लिया है. पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू होने के बाद भी वे बेरोजगार नहीं होंगे. राज्य सरकार उनके लिए भी विकल्प दे रही है. वे लॉग इन कर पहले जैसा कार्य करते रहेंगे, सिर्फ अंतर यह होगा कि पहले वे फिजिकल डीड तैयार करते थे. अब उन्हें ऑनलाइन कार्य करना होगा. गौरतलब है कि ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री शुरू होने के बाद से ही कई कातिब ऑनलाइन तरीके से कार्य कर रहे हैं.
बॉक्स ::: लोगों को रजिस्ट्री ऑफिस का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
बिहार में अब तक जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों को कई बार निबंधन कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन, नये सॉफ्टवेयर के आने से लोगों की यह परेशानी दूर हो गयी है. पेपरलेस रजिस्ट्री के लागू होने के बाद उन्हें और भी राहत मिलेगी. हालांकि, कार्यालय के पदाधिकारियों और कर्मचारियों की परेशानी बढ़ सकती है. ई-निबंधन से रजिस्ट्री शुरू होने के बाद से ही कार्यालय के कर्मचारी और अधिकारी तकनीकी बदलावों के कारण कुछ परेशान हैं. क्योंकि, अब उन्हें कलम की जगह माउस चलाना पड़ रहा है. नये नियम से उनकी चुनौतियां और बढ़ सकती हैं.
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