वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
सरकारी स्कूलों में अब पढ़ाई की पुरानी और नीरस पद्धति इतिहास बनने जा रही है. शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग को अनिवार्य कर दिया है. इसका सीधा मतलब है कि अब पढ़ाई केवल किताबों और ब्लैकबोर्ड तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चे प्रोजेक्ट और मॉडल बनाकर सीखेंगे. विभाग का मानना है कि इस बदलाव से छात्रों को विज्ञान, गणित और अन्य विषयों को वास्तविक जीवन से जोड़कर समझने में मदद मिलेगी, जिससे सीखने की प्रक्रिया उबाऊ नहीं, बल्कि मनोरंजक और सुगम हो जाएगी. शिक्षकों ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बच्चे विषयों को आसानी से समझेंगे. इस नयी व्यवस्था को लागू करने से पहले शिक्षकों को पूरी तरह से तैयार किया जाएगा. बिहार शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के संयुक्त प्रयास से फिलहाल मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर अगले तीन महीने के भीतर अपने-अपने जिलों में सभी शिक्षकों को प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग की बारीकियां सिखाएंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

