कर्मियों को आवेदन लेते वक्त ही फोटो जांचने के निर्देश ऐसा नहीं करनेवाले कर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर इस्तेमाल की हुई गाड़ियां जो पहले किसी और के स्वामित्व में थीं, उनका ट्रांसफर करते वक्त जियो टैग फोटो अनिवार्य कर दिया गया है. खरीद-बिक्री के आवेदन में खरीदार व बेचने वाले, दोनाें के वाहन के साथ फोटो अब लगाये जायेंगे. लेकिन कुछ वाहन मालिक सीधे फोटो खींचकर सादे पेपर पर उसका कलर प्रिंट आवेदन में लगा दे रहे हैं. ऐसे आवेदन अब स्वीकार नहीं होंगे. इसमें वाहन के नये व पुराने मालिक की जियो टैग फोटो वह भी ग्लोसी पेपर पर होना चाहिये. इससे पहचान में आसानी होती है. बेचने व खरीदने वाले की और गाड़ी की स्पष्ट फोटो होती है. दूसरे पेपर पर निकाले गये फोटो में स्पष्टता नहीं रहती है. इसलिए ऐसे आवेदन को रिजेक्ट करते हुए निर्देश दिया गया है कि फिर से संबंधित वाहन मालिक से स्पष्ट फोटो आवेदन में बदलकर आगे की कार्रवाई करें. इसको लेकर डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने सभी कर्मी को निर्देश दिया इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिये. आवेदन लेते समय ही फोटो की जांच कर लें, इसके बाद भी ऐसे आवेदन आने पर संबंधित कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. सत्यता जांच में होती आसानी सेकेंड हैंड वाहन की खरीद बिक्री में फॉर्म पर खरीदार व बेचने वाले दोनों वाहन मालिक की फोटो होती है. इसके साथ ही एक बड़ी फोटो बिक्री वाली गाड़ी के साथ दोनों की होती है. इसमें जियो टैगिंग फोटो से यह स्पष्ट होगा कि किस तिथि को कितने बजे कहां पर यह फोटो खींची गयी. कई बार वाहन ट्रांसफर में वाहन मालिकों की शिकायत होती है कि उन्होंने आवेदन नहीं किया. लेकिन जियो टैगिंग फोटो से यह समस्या ही समाप्त हो जायेगी. अब फोटो के साथ आवेदन के बाद जब कागज का सत्यापन किया जाने पर दोनों वाहन मालिक से उनके द्वारा आवेदन में दिये गये फोन नंबर जानकारी ली जाती है इसके बाद आवेदन में आगे की दिशा में कार्रवाई होती है.
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