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Bihar: लहसुन, प्याज, आलू और टमाटर ने बिगाड़ा रसोई का जायका, कई महीनों से कीमतों में राहत नहीं

Bihar: महंगाई ने गृहणियों के रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. पिछले कई महीनों से लहसुन, प्याज, आलू और टमाटर के दाम कम नहीं हो रहे हैं.

लोग कहते हैं कि सब्जी में अगर लहसुन प्याज की छौंक नहीं लगती तो जायका नहीं बनता, लेकिन पिछले कई महीनों से लहसुन प्याज के बढ़े हुए भाव ने लोगों का जायका बिगाड़ दिया है. ऐसे मध्यमवर्गीय परिवार जो खाने-पीने के शौकीन हैं, वे किचन का बजट संतुलित करने में दूसरे मद के बजट में कटौती कर रहे हैं. हालांकि अधिकतर परिवारों ने लहसुन प्याज का इस्तेमाल कम कर किचन के बजट को मैनेज किया है. मुजफ्फरपुर के बाजार में लहसुन 280 से 320 रुपए किलो तक बिक रहा है. पिछले छह महीने से इसकी कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

आठ फीसदी कम हुई लहसुन की खेती

मुजफ्फरपुर गोला रोड मसाला मंडी के कारोबारी दिनेश चौधरी बताते हैं कि लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र मध्यप्रदेश है, वहां लहसुन के पैदावार में कमी हुई है. किसानों ने लहसुन की खेती पिछले साल की अपेक्षा आठ फीसदी कम की है, इसका असर बाजार पर पड़ा है. लहसुन की मांग हर घर में होती है. मांग अधिक है, लेकिन आपूर्ति कम है. इससे इसके भाव लगातार बढ़ रहे हैं. अब अगले साल मार्च तक लहसुन की नयी फसल आएगी. इसके बाद ही भाव में कमी आने की उम्मीद है.

घट गया प्याज का कारोबार

भाव बढ़ने से कम हो गयी प्याज की खपत पिछले चार महीने से प्याज की कीमत स्थिर है. इन दिनों बाजार में 50 से 60 रुपए किलो प्याज बिक रहा है. इसकी होलसेल कीमत करीब 42 रुपए है. प्याज के भाव में तेजी आने के कारण लोगों ने प्याज की खपत कम कर दी है. इस कारण आवक पर असर पड़ा है. पहले इंदौर और नासिक से रोज 20 ट्रक प्याज बाजार समिति में उतरता था. यहां से रोज 600 टन प्याज का कारोबार होता था. अब वह घटकर 450 टन हो गया है. व्यापारियों का कहना है कि इंदौर और नासिक से प्याज बढ़े दर पर आपूर्ति की जा रही है. केंद्र सरकार प्याज के भाव को नियंत्रित करने की कोशिश की है. अब दो-तीन ट्रक प्याज नेफेड भी सप्लाई कर रहा है. इससे भाव में कुछ कमी आने की संभावना दिख रही है.

नया आलू आने के बाद भी नहीं गिरा भाव

बाजार में नया आलू आ गया है. बावजूद पुराने आलू का भाव नहीं गिरा है. नया आलू बाजार में 50 से 55 रुपए किलो बिक रहा है, वहीं पुराना आलू 32 से 35 रुपए किलो है. व्यापारियों का कहना है कि आलू की नयी फसल अभी पूरी तरह से नहीं निकल रही है. इस कारण यूपी से आ रहा पुराना आलू का भाव बढ़ा हुआ है. एक महीने के बाद जब नया आलू बाजार में आ जाएगा तो आलू के भाव में कमी आएगी.

भाव बढ़ने से टमाटर के कम हुए ग्राहक

पिछले दो महीने से टमाटर के बढ़े भाव के कारण ग्राहकों में कमी आयी है. सब्जी मंडियों में इन दिनों 80 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है. सब्जी विक्रेता राजन कुमार ने बताया कि पहले बिहार के विभिन्न जिलों से लोकल टमाटर आता था. गर्मी की वजह से वह फसल बर्बाद हो गयी. अब महाराष्ट्र और कर्नाटक से टमाटर आ रहा है, जिससे टमाटर के भाव में तेजी है. नयी फसल के बाद ही टमाटर के भाव में कमी आएगी.

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सब्जी में कम डाल रहे हैं लहसुन प्याज

लहसुन, प्याज, आलू और टमाटर के आसमान छूते भाव ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है. एक बार जो भाव बढ़ा, वह वैसा ही रह गया. आलू की कीमत चाहे जितनी हो, खरीदना तो मजबूरी है, लेकिन लहसुन प्याज कम खरीद रहे हैं. सब्जी में लहसनु प्याज अब कम डाल रहे हैं. पहला जितना एक सप्ताह में खर्च करते थे, अब 15 दिन में कर रहे हैं.

– नीलू सिंह, आमगोला

भाव बढ़ने से किचन मैनेज करना मुश्किल

लहसुन और प्याज का भाव कम नहीं हो रहा है. इससे हम गृहिणियों की परेशानी बढ़ गयी है. पहले ऐसा नहीं होता था. भाव बढ़ता भी था तो एक महीने में कम हो जाता था, लेकिन इस बार लगातार भाव बढ़ा हुआ रह रहा है. किचन का जो बजट है, उसे तो नहीं बढ़ा सकते, लहसुन, प्याज का उपयोग कम कर रहे हैं. टमाटर खरीदना भी आसान नहीं रह गया है.

– खुशबू कुमारी, अहियापुर

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