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जीएसटी का स्लैब दर कम होने से बाजार की ग्रोथ बढ़ेगी

जीएसटी का स्लैब दर कम होने से बाजार की ग्रोथ बढ़ेगी

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माधव 39-43

व्यवसायियों ने जतायी खुशी, कहा-सरकार का निर्णय स्वागतयोग्य

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

केंद्र सरकार के विभिन्न उत्पादों पर जीएसटी कम होने के फैसले से व्यवसायी खुश हैं. उनका कहना है कि कई वस्तुओं पर जीएसटी की दर बढ़ा कर सरकार ने मध्यमवर्ग को राहत दी है. इससे बाजार की ग्रोथ बढ़ेगी. खासकर स्टेशनरी आइटम को टैक्स फ्री किया जाना, अच्छी पहल है. इससे बच्चों की पढ़ाई पर बोझ कुछ कम होगा. हालांकि कुछ कारोबारियों ने कपड़े पर बढ़े टैक्स पर आपत्ति जतायी. उनका कहना था कि कपड़े के टैक्स स्लैब में परिवर्तन उचित नहीं है.

कंपनियां कीमत नहीं बढ़ाएं तो फायदा

इन्वर्टर व बैट्री पर सरकार ने 28 फीसदी से घटाकर जीएसटी 18 फीसदी कर दी है. इससे मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी. हालांकि पिछली बार भी जीएसटी दर कम होने पर कंपनियों ने उपभोक्ताओं को दी जाने वाली छूट कम कर दी थी. पर कुछ कंपनियों ने कीमतें बढ़ा दी थीं. इससे उपभोक्ताओं को जीएसटी की घटी दर का फायदा नहीं मिला था.

– प्रमोद कुमार जाजोदिया, इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी

कपड़ों पर 18 % टैक्स उचित नहीं

पहले एक हजार से अधिक की कीमत वाले कपड़ों पर 12 फीसदी टैक्स लिया जाता था, लेकिन अब इस स्लैब को समाप्त कर 2500 से अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 18 फीसदी टैक्स तय किया गया है. इससे मध्यम वर्ग के लोगों पर बोझ पड़ेगा. खासकर शादियों वाले घरों का कपड़ों पर खर्च बढ़ जायेगा. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिये.

– सज्जन शर्मा, कपड़ा व्यवसायी

बाजार का होगा विकास

पहले जीएसटी में पांच स्लैब था, लेकिन अब तीन ही है. इससे टैक्स रेट कम हुआ है. जीएसटी के सरलीकरण से उपभोक्ताओं को फायदा होगा. आयकर में छूट के बाद अब लोग बची रकम से मनपसंद वस्तुओं की खरीदारी करेंगे. उन्हें वस्तुओं का टैक्स भी कम देना होगा. यह उपभोक्ताओं के लिए अच्छी पहल है. –

अंकित हिसारिया, सीए

बीमा में टैक्स छूट देकर दी बड़ी राहत

जीएसटी दर कम होने से अब व्यापारियों की लागत दर कम होगी. बीमा सेक्टर में छूट देकर सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. पहले बीमा राशि में 18 फीसदी टैक्स लिया जाता था, लेकिन अब उस टैक्स से छूट दी गयी है. इससे मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी. वह बीमा के प्रति प्रोत्साहित होंगे. सरकार का यह अच्छा फैसला है.

– अंबिका ढंढारिया, प्लास्टिक उत्पाद व्यवसायी

स्टेशनरी को टैक्स फ्री करना अच्छी पहल

स्टेशनरी की वस्तुओं को टैक्स फ्री किया जाना अच्छी बात है, लेकिन इसका फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है. पिछली बार भी जीएसटी के दरों में कुछ कमी के बाद यह संभावना थी कि वस्तुओं के दाम कम हो जायेंगे, लेकिन कंपनियों ने रेट में इस तरह बदलाव किया कि उपभोक्ताओं को टैक्स में कमी का लाभ नहीं मिला.

– संदीप अग्रवाल, स्टेशनरी व्यवसायीB

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Vinay Kumar
Vinay Kumar
I am working as a deputy chief reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on political, social, and current topics.

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