Bihar ka Mausam: उत्तर बिहार के जिलों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप लगातार जारी है. आसमान में छाई धुंध और पछुआ हवाओं के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अभी अगले 48 घंटों तक कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी, जिससे फिलहाल ठंड से निजात मिलने की संभावना नहीं है. अगले दो दिनों तक स्थिति ऐसी ही बनी रहने की संभावना है, जिसके बाद ही मौसम में आंशिक सुधार की उम्मीद की जा सकती है.
जेट स्ट्रीम का असर, चार दिनों से लापता है धूप
मौसम के वरीय वैज्ञानिक डॉ. एके सत्तार के अनुसार, वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में चलने वाली जेट स्ट्रीम के कारण बीते चार दिनों से समूचे क्षेत्र में कोल्ड डे जैसे हालात बने हुए हैं. स्थिति यह है कि पिछले 96 घंटों से धूप के दर्शन नहीं हुए हैं. दिन भर कोहरे की चादर लिपटी रहने के कारण अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो सामान्य से काफी नीचे चला गया है. डॉ. सत्तार ने बताया कि जेट स्ट्रीम की सक्रियता के कारण ठंडी हवाएं सीधे मैदानी इलाकों को प्रभावित कर रही हैं.
लुढ़कता पारा और पछिया हवाओं की मार
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पछिया हवा की गति 4.2 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है. हालांकि हवा की रफ्तार कम है, लेकिन इसमें मौजूद कनकनी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो सामान्य से 6.4 डिग्री कम है. वहीं न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 1.7 अधिक) दर्ज किया गया है. दिन और रात के तापमान के बीच कम होते अंतर की वजह से दिन में भी रात जैसी ठंड का अहसास हो रहा है.
जेट स्ट्रीम क्या है
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल के ऊपरी हिस्से (करीब 9 से 16 किमी की ऊंचाई) में बहुत तेज गति से चलने वाली हवा की धाराएं हैं. ये संकरी पट्टी में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं. जब ये नीचे की ओर झुकती हैं, तो ध्रुवीय क्षेत्रों की बर्फीली हवाओं को मैदानी इलाकों में ले आती हैं, जिससे भारी ठंड और कोल्ड डे की स्थिति बनती है.
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सावधानी बरतने की दी सलाह
बच्चों और बुजुर्गों का रखें ख्याल: ठंड का सबसे ज्यादा असर श्वसन तंत्र पर पड़ता है. जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलें.
गर्म पेय पदार्थों का सेवन: शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए गुनगुना पानी और पौष्टिक आहार लें.
हृदय रोगियों के लिए चेतावनी: अत्यधिक ठंड में रक्तचाप बढ़ने का खतरा रहता है, इसलिए नियमित दवा लें और ठंड से बचें.
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