Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले में अब लहठी कारोबार को नया आयाम मिलेगा. इस कारोबार को बढ़ावा देने के लिए यहां खिलौना क्लस्टर की स्थापना की जाएगी और इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसको लेकर जल्द ही उद्योग विभाग की तरफ से सर्वे किया जाएगा.
किया जाएगा सर्वे
इस सर्वे में देखा जाएगा कि यहां खिलौना क्लस्टर के बाजार की कितनी संभावनाएं हैं. लाह से खिलौना बनाने को लेकर क्लस्टर की स्थापना कहां तक सफल साबित होगा और रोजगार की इसमें कितनी संभावनाएं उत्पन्न होंगी. सर्वे के दौरान इन बिंदुओं पर भी रिपोर्ट तैयार किया जाएगा और उसे मुख्यालय को सौंपा जाएगा. उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ने उद्योग निदेशक को खिलौना क्लस्टर की संभावना तलाशने की ड्यूटी दी है. ज्ञात हो कि बेला औद्योगिक क्षेत्र में बैग क्लस्टर और लेदर क्लस्टर पहले से ही प्रमुख रूप से संचालित है. इस कड़ी में अब खिलौना क्लस्टर की शुरुआत होने वाली है. इसकी स्थापना होने पर लहठी कारोबारियों के लिए रोजगार के नए-नए अवसर खुलेंगे.
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बनते हैं लाह के खिलौने
जानकारी मिली है कि लाह के खिलौने मुख्य रूप से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बनाए जाते हैं, जो कि भारतीय लाह शिल्प के सबसे प्रमुख केंद्र हैं. इन राज्यों में यह प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही एक प्राचीन कला है. इसमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि खिलौने बच्चों के लिए सुरक्षित और आकर्षक बने रहें. इन राज्यों में लाह के खिलौने बहुत ही ज्यादा प्रचलित हैं और इसका बाजार भी बेहतर है. इसे देखते हुए ही मुजफ्फरपुर जिले में भी खिलौना क्लस्टर की स्थापना की कवायद की जा रही है.
लहठी कारोबारियों को नहीं जाना होगा बाहर
बता दें कि लाह से खिलौना बनाने के लिए क्लस्टर की स्थापना होती है तो लहठी कारोबारियों के दिन बदलेंगे. इन्हें मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने की जरूरत नहीं होगी. खासकर छोटे-छोटे कारोबारियों के लिए यह बहुत लाभदायक साबित होगा.
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लहठी कारोबारियों के लिए सुनहरा अवसर
बता दें कि लहठी वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट में भी शामिल है. मुजफ्फरपुर के लहठी की पहचान देशभर में है, लेकिन कारोबार में उतार-चढ़ाव लगातार होने के कारण व्यवसायी वर्ग निराश हो जाते हैं. क्लस्टर की स्थापना होने के बाद इनके लिए रोजगार की कमी नहीं होगी.
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