वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
भारतीय रेलवे की प्रीमियम ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस अपनी रफ्तार और सुविधाओं के लिए जानी जाती है, लेकिन रविवार को गाड़ी संख्या 26302 में सफर कर रहे एक यात्री के लिए यह अनुभव कड़वा साबित हुआ. दानापुर से समस्तीपुर के बीच ट्रेन लेट होने और खानपान सेवा को लेकर रेल मंत्रालय से लेकर समस्तीपुर मंडल तक शिकायत का दौर चला.मैं डायबिटीज का मरीज हूं, खाना दीजिए
अमर मणी नामक यात्री ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि ट्रेन विलंब होने के कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने शिकायत की, मैं टाइप-2 डायबिटीज का मरीज हूं. रात 8 बजे तक भोजन करना मेरी मजबूरी है. जब मैंने स्टाफ से खाने की मांग की, तो उन्होंने बदतमीजी करते हुए मना कर दिया. यात्री का दावा था कि उन्होंने बुकिंग के समय भोजन का विकल्प चुना था. उन्हें सुबह का नाश्ता मिला भी था, लेकिन रात के खाने के वक्त नियम का हवाला देकर उन्हें खाली हाथ छोड़ दिया गया.भोजन का विकल्प नहीं तो खाना नहीं
इस शिकायत पर आइआरसीटीसी ने आधिकारिक जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि यात्री ने बुकिंग के समय भोजन का विकल्प नहीं चुना था. रेलवे के नियमों के अनुसार, जिन यात्रियों ने पहले से भोजन के लिए भुगतान नहीं किया है, उन्हें ट्रेन लेट होने की स्थिति में भोजन नहीं दिया जा सकता. हालांकि, रेलवे ने उन्हें भुगतान के आधार पर भोजन लेने की सलाह दी और मामले की जांच के लिए ऑन-बोर्ड केटरिंग टीम (ओबीसीएस) को निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

