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आजाद हिंद फौज के चीफ मनोज सिंह बदला लेने व पैसा कमाने के लिये अपराध में रखा कदम

आजाद हिंद फौज के चीफ मनोज सिंह बदला लेने व पैसा कमाने के लिये अपराध में रखा कदम – रविवार को अहियापुर थाना पहुंची पकड़ी दयाल पुलिस – 2001 में चचेरे भाई की हत्या के बाद अपराधी में आया मनोज – नक्सली बिंदा राम की हत्या भी अपने तीन साथी के साथ मिलकर की मुजफ्फरपुर. […]

आजाद हिंद फौज के चीफ मनोज सिंह बदला लेने व पैसा कमाने के लिये अपराध में रखा कदम – रविवार को अहियापुर थाना पहुंची पकड़ी दयाल पुलिस – 2001 में चचेरे भाई की हत्या के बाद अपराधी में आया मनोज – नक्सली बिंदा राम की हत्या भी अपने तीन साथी के साथ मिलकर की मुजफ्फरपुर. आजाद हिंद फौज के मोतिहारी प्रभारी मनोज कुमार सिंह के रिकॉर्ड खंगालने रविवार को पकड़ी दयाल थाने से पुलिस अहियापुर थाना पहुंची. पकड़ी दयाल पुलिस ने अहियापुर थानाध्यक्ष चितरंजन ठाकुर से मनोज कुमार सिंह के अपराधी रिकॉर्ड के बारे में जानकारी ली. इसके साथ ही मनोज व उसके साथी के पास से बरामद मोबाइल नंबर भी थानाध्यक्ष को दिया है. मनोज सिंह व उसके साथी के पास से जो नंबर मोतिहारी पुलिस को मिली है. उस नंबर से किसी से रंगदारी व धमकी दी गयी है, इसकी जानकारी जुटा उपलब्ध कराने की बात थानाध्यक्ष से कहीं है. पकड़ी दयाल थाना पुलिस ने अहियापुर से मनोज कुमार सिंह का स्वीकृति बयान भी अपने साथ ले गयी. थानाध्यक्ष ने बताया कि 7 जनवरी को मनोज सिंह को कोहल्लुा पैंगबरपुर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उसे मोतिहारी पुलिस को सौंप दी गयी थी. मनोज के पास एके 47,रेगुलर राइफल, कार्रबाइन और पिस्टल है मनोज कुमर के पास एके 47 एक, रेगुलर राइफल, कार्रबाइन, पिस्टल और देशी कट्टा है. इसके अलावा उसके पास 12 कट्टा जमीन है. वह अपराध जगत में पैसा कमाने के लिये आया था. मनोज सिंह ने पुलिस को बताया कि वह पैसा कंट्रेक्ट्रर किलर, रंगदारी,डकैती और लूट से पैसा कमाया करता था. उसने ऐसे कई कंट्रेक्टर किलर, रंगदारी और लूट में अपनी संलिप्ता स्वीकार की. उसने कहा कि इससे जो वह पैसा कमाया करता था. उसे शराब के व्यावसाय व ठेकेदारी में लगाया करता था. इसके अलावा वह हथियार व गोली भी इसी पैसा से कमाया करता था. 2001 में आया मनोज अपराध की दुनिया में मनोज अपराध की दुनिया में 2001 में कदम रखा था. मनोज अपने चचेरे भाई विभुली सिंह व सिमहनी के साथ मोटर साइकिल से मेवा लाल साह के दरवाजे से पंचायती करके लौट रहा था. रात्रि के आठ बजे के करीब अनगरवा पिसहनी के सरेह में नक्सलियों द्बारा उसे घेर लिया गया. इसके बाद नक्सलियों ने उनके उपर गोलियां चलानी शुरू कर दी. इस गोलीबारी में उसके भाई की मौत हो गयी. नक्सलियों ने उसके भाई की मोटर साइकिल को आग भ लगा दी. इसके बाद वह भाग निकला. कई बार नक्सलियों द्बारा भी उसके उपर हमला किया गया. उसके उपर व उसके भाई की हत्या में मुख्य रुप से विश्वनाथ साह शामिल था. जिसके बाद उसने विश्वनाथ साह की हत्या करने व पैसे कमाने के लिये अपराधी की दुनिया में कदम रखा. नक्सली बिंदा राम की हत्या भी मनोज व उसके साथी ने की नक्सली बिंदा राम को मनोज सिंह अपने साथी सुधीर सिंह, राहुल सिंह और धनंजय सिंह के साथ मिलकर हराज सरेह में गोली मार की हत्या की थी. हत्या से पहले उसकी रैकी की जिम्मेदारी गजेंद्र कुंवर, संतोष सिंह और विकास सिंह को दी गयी थी. रैकी में पूरी जानकारी मिल गयी कि बिंदा राम अपने गोबास वाले झोपड़ी में अकेले सोता है. इसके बाद तीनों आर्मी के ड्रेस में उसकी हत्या करने के लिये उसके झोपड़ी पहुंचे. लेकिन वहां उस दिन बिंदा राम दो लोगों के साथ सोया था. बिंदा राम को उठा कर अपने साथ ले आने लगे तो दूसरे ने विरोध किया तो उस कार्रबाइन का भय दिया उसे चुप करा दिया. इसके बाद उसकी हत्या करने के बाद तरियारी डपरा स्थित अपने चीफ नितेश सिंह के घर आ गये. वहीं से मीडिया को फोन करके इसकी हत्या कि जिम्मेदारी ली.

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