एससीएसटी अत्याचार निवारण एक्ट के मामले
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरअनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और मैन्युअल स्कैवेंजर रोजगार निषेध एवं पुनर्वास अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की इस साल की चौथी बैठक समाहरणालय सभागार में हुई.
बैठक में पंजीकृत मामलों की प्रगति, राहत व मुआवजा वितरण, लंबित मामलों के त्वरित निराकरण व मैन्युअल स्कैवेंजिंग उन्मूलन जैसे अहम विषयों पर चर्चा की. 301 ऐसे लंबित मामले जिनमें अब तक आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर नहीं हो सका है. इस पर एसएसपी द्वारा सख्त निर्देश जारी हुआ. सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि ऐसे मामलों में गिरफ्तारी व कुर्की-जब्ती की कार्रवाई तेज की जाये. पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लंबित मामलों में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने का अल्टीमेटम दिया गया.पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि एससी/एसटी से जुड़े केस को गंभीरता, संवेदनशीलता व त्वरित कार्रवाई के साथ निपटाया जाए.₹208.20 लाख राहत राशि वितरित
राहत एवं मुआवजा भुगतान की प्रगति संतोषजनक बतायी गयी. जानकारी दी गयी कि वर्ष 2025 में अब तक कुल ₹208.20 लाख रुपये राहत एवं मुआवजा पर व्यय किए जा चुके हैं. अधिनियम के तहत जिले के विभिन्न थानों में दर्ज 198 मामलों में पीड़ितों को प्रथम किस्त का मुआवजा उपलब्ध कराया गया है. इसके अलावा, आरोप पत्र समर्पित 145 मामलों में मुआवजा की द्वितीय किस्त का भी भुगतान कर दिया गया है.हत्या के मामलों में 68 आश्रितों को मासिक पेंशन की सुविधा दी जा रही है. अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप चार मामलों में मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी गई है, जिनकी नियुक्ति प्रखंड, अंचल व अनुमंडल कार्यालयों में हुई है. तीन अन्य मामलों में नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है.मैन्युअल स्कैवेंजिंग पर जिले की स्थिति शून्य
मैन्युअल स्कैवेंजर रोजगार निषेध एवं पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत हुए सर्वे में जिले में मैन्युअल स्कैवेंजर की संख्या शून्य है. हालांकि, अधिकारियों को इस विषय पर विशेष निगरानी बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं. स्पष्ट किया गया कि सफाई कार्यों में किसी भी परिस्थिति में मैन्युअल स्कैवेंजिंग नहीं होनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

