मुजफ्फरपुर: विवि में स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की आधिकारिक जांच शुरू हो गयी है. इसके तहत शनिवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे के आदेश पर अधिसूचित कमेटी की पहली बैठक हुई. इसमें सर्वप्रथम परीक्षा विभाग के कर्मचारियों से पूछताछ का फैसला लिया गया है.
इसके लिए परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार से गोपनीय शाखा में कार्यरत कर्मियों व उनके कार्य एवं परीक्षा से पूर्व किस केंद्र पर कौन सा कर्मचारी प्रश्न पत्र लेकर गया था, इसकी सूची मांगी गयी है. यही नहीं किस केंद्र पर 25 दिसंबर को कब प्रश्न पत्र पहुंचाये गये, इसकी भी जानकारी मांगी गयी है. सूची के आधार पर कमेटी प्रत्येक कर्मचारी से अलग-अलग पूछताछ करेगी. पूछताछ की विधिवत रिकॉर्डिग भी होगी, ताकि कर्मचारी अपने बयान से पलट न सकें.
सूत्रों की मानें तो कमेटी कर्मचारियों के बाद विवि परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार व एक महिला कॉलेज की प्राचार्या से भी पूछताछ कर सकती है. मामले में एक वरीय अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं. बताया जाता है कि उन्हीं के आदेश पर नियमों को ताक पर रखते हुए प्रश्न पत्र के पैकेट एक दिन पूर्व ही खोल दिये गये थे, ताकि उसका फोटो स्टेट कॉपी निकाला जा सके.
कमेटी में बदल गये तीन चेहरे
26 दिसंबर को प्रश्न पत्र लीक होने की घटना का खुलासा होने के तुरंत बाद कुलसचिव ने प्रेस वार्ता में पांच सदस्यीय कमेटी के गठन की घोषणा की थी. उसमें कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ तारण राय, उप कुलसचिव-1 गुलजार राम, डॉ सीपी शुक्ला व डॉ उपेंद्र मिश्र के नाम शामिल थे. हालांकि नौ दिन बाद शनिवार को कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी की गयी, उसमें तीन चेहरे बदल गये. कुलानुशासक, डॉ सीपी शुक्ला व डॉ उपेंद्र मिश्र की जगह कमेटी में अध्यक्ष छात्रा कल्याण डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह, विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा व विवि गणित विभागाध्यक्ष डॉ पीके शरण को जगह दी गयी है. बताया जा रहा है यह बदलाव प्रतिकुलपति डॉ प्रभा किरण के सुझाव पर किया गया है. कमेटी को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. कमेटी को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव देने का अधिकार भी दिया गया है.