उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार में करीब 25 हजार लोग एचआइवी संक्रमित हैं. यह आंकड़ा चौंकाने वाला है. एचआइवी का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. मुजफ्फरपुर में ही 5600 मरीज एसकेएमसीएच के एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं. यहां 15 हजार एचआइवी पीड़ित निबंधित हैं, इनमें दूसरे जिलों के मरीज भी शामिल हैं. वे अपने जिले से दवा नहीं लेकर एसकेएमसीएच के एआरटी सेंटर से दवा लेते हैं. यह स्थिति तब है, जब इनकी पहचान हो चुकी है. बहुत सारे लोगों को तो यह भी पता नहीं होता कि वे एचआइवी संक्रमित है. वे कई वर्षां तक सामान्य जीवन जीते हैं, लेकिन जब उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह खराब हो जाती है तो वे एड्स के शिकार हो जाते हैं. बार-बार किसी बीमारी को होना और सामान्य बीमारी भी ठीक नहीं होने की शिकायत पर जब वे डॉक्टर के पास जाते हैं तो जांच में एचआइवी की पुष्टि होती है. सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच के एचआइवी काउंसलिंग सेंटर में हर महीने पांच से सात नए मरीजों की पुष्टि होती है. एसकेएमसीएच के एआरटी सेंटर पर दवा के लिए रोज मरीजों की भीड़ जुटती है. सरकारी तौर पर इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, लेकिन संक्रमण दर लगातार बढ़ता जा रहा है पलायन के कारण उत्तर बिहार में बढ़ रहे मरीज उत्तर बिहार के लोगों के पलायन के कारण यहां मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. यहां से बहुत सारे लाेग काम करने दूसरे प्रदेशों में जाते हैं और वहां से बीमारी का शिकार होकर घर पहुंचते हैं. इसके बाद यह संक्रमण घर में भी फैलता है. इन लोगों को यह पता नहीं होता कि एचआइवी क्या है और कैसे होता है. एक दशक पहले केंद्र सरकार की ओर से एचआइवी को कम करने के लिए शहर से लेकर गांव में जागरूकता अभियान शुरू किया गया था, लेकिन बाद के दिनों में यह बंद हो गया. जागरूकता के अभाव में लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक केस
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