मुजफ्फरपुर : कोलकाता में बिहार के करीब सौ छात्रों को बैंक परीक्षा से रोक दिया गया. कई छात्रों को परीक्षा केंद्र के भीतर से निकाल दिया गया, जबकि कई छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया. इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आइबीपीएस) की परीक्षा सात सितंबर को थी. छात्रों की तमाम तैयारियों पर कुछ-न-कुछ बहाना बना कर पानी फेर दिया गया.
परीक्षा से वंचित होकर लौटे मो वसीम ने बताया कि कई छात्रों के साथ कोलकाता में अन्याय हुआ है. सभी परीक्षार्थियों ने परीक्षा से वंचित होने के बाद एक दूसरे से अपनी दास्तां बयां की. काफी छात्र निर्वाचन आयोग के मतदाता पहचान पत्र में अशुद्धियों के कारण परीक्षा से वंचित रह गये.
मतदाता पहचान पत्र में अंगरेजी में वसीम नाम है, जिसकी शुरुआत ह्यवीह्ण अक्षर से है, जबकि आइबीपीएस द्वारा जारी प्रवेश पत्र में वसीम नाम की शुरुआत डब्ल्यू अक्षर से है. वह परीक्षा केंद्र के भीतर बिहार विश्वविद्यालय का प्रवेशपत्र दिखाते रहा. लेकिन, किसी ने एक नहीं सुनी.
एक छात्रा ने भी आपबीती सुनायी. बोली, शादी के बाद पहचान पत्र बनाया गया. इस पर पिता की जगह पति का नाम था. इसलिए परीक्षा से वंचित कर दिया गया. वह परीक्षा केंद्र पर वीक्षकों का पांव पकड़ कर रोती रही. पर, किसी ने उसकी एक नहीं सुनी. उसे निकाल बाहर कर दिया गया. एक परीक्षार्थी ने कहा, मुझे मात्र दो मिनट देर हुई थी, क्योंकि गाड़ी पकड़ने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन, जब परीक्षा केंद्र पर पहुंचा, तो मुझे विलंब का बहाना बना कर रोक दिया गया है. जबकि उसके बाद भी परीक्षा केंद्र के भीतर परीक्षार्थियों को प्रवेश कराया गया.