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सीबीआई ने भिक्षुक गृह की करायी मापी, फाइलों को भी खंगाला

मुजफ्फरपुर : भिक्षुक गृह (सेवा कुटीर) में गुरुवार को सात घंटे तक सीबीआई की टीम ने मापी की है. भिक्षुक गृह पहुंची सीबीआई टीम ने संस्था से जुड़े सभी कागजात खंगाले. साथ ही अहियापुर थाने में इस केस के आईओ गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ की. इसके अलावा स्थानीय लोगों से भी सीबीआई ने जानकारी […]

मुजफ्फरपुर : भिक्षुक गृह (सेवा कुटीर) में गुरुवार को सात घंटे तक सीबीआई की टीम ने मापी की है. भिक्षुक गृह पहुंची सीबीआई टीम ने संस्था से जुड़े सभी कागजात खंगाले. साथ ही अहियापुर थाने में इस केस के आईओ गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ की. इसके अलावा स्थानीय लोगों से भी सीबीआई ने जानकारी ली.

सुबह साढ़े 11 बजे सीबीआई के एसपी नागेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में टीम बैरिया स्थित भिक्षुक गृह पहुंची. सीबीआई की टीम ने भिक्षुक गृह और इसे चलाने वाले ओम साईं फाउंडेशन से जुड़ी सभी फाइलों को मंगाया. इसके बाद सामाजिक सुरक्षा कार्यालय के कर्मचारी और भिक्षुक गृह के कर्मचारियों से बुलाकर पूछताछ की. सीबीआई के अधिकारियों ने एक-एक फाइल को बारीकी से देखा Â बाकी पेज 13 पर
सीबीआई ने भिक्षुकऔर उसकी जांच की.
जूनियर इंजीनियर व मजिस्ट्रेट के साथ पहुंची टीम
सीबीआई की टीम भिक्षुक गृह की मापी करने के लिए एक जूनियर इंजीनियर और एक मजिस्ट्रेट लेकर पहुंची थी. फाइलों की पड़ताल के बाद भवन की मापी शुरू की गयी. मापी कराने से पहले सीबीआई की एक और टीम भिक्षुक गृह पहुंच गयी. सीबीआई के अधिकारी भिक्षुक गृह के हर कमरे में जाकर उसका जायजा लिया और उसके बाद मापी करायी.
पूछा, कैसे और कहां से लाते थे भिक्षुकों को
सीबीआई के एसपी और दूसरे अधिकारियों ने समाजिक सुरक्षा के कर्मचारियों से कई सवाल किये. अधिकारियों ने पूछा कि भिक्षुकों को कैसे और कहां से लाते थे. उनके पते का सत्यापन कैसे होता था. उनके घरवालों का कभी पता किया या नहीं. सीबीआई ने सभी भिक्षुकों की फाइलों को देखा और उनके घर के पते के बारे में पूछा. सीबीआई ने पूछा कि यहां भिक्षुकों को कितने दिन तक रखा जाता था.
आईओ से भी हुई डेढ़ घंटे तक पूछताछ
सीबीआई अधिकारियों ने अहियापुर थाने में इस मामले के आईओ गजेंद्र सिंह से भी भिक्षुक गृह में डेढ़ घंटे तक पूछताछ की. सीबीआई ने उनसे केस की जांच के बारे में जानकारी ली. सीबीआई ने आईओ से पूछा कि जब यह मामला अहियापुर थाने में दर्ज हुआ, तब आपने किन-किन लोगों से पूछताछ की. उस समय भिक्षुकों ने अपना क्या दर्द बताया. इस मामले की छानबीन के लिए आप कहां-कहां गये. इन सभी बिंदुओं पर सीबीआई के एसपी और दूसरे अधिकारियों ने आईओ से पूछताछ की.
लोगों ने कहा, मारते थे भिक्षुकों को
सीबीआई की टीम को आसपास के लोगों ने कहा कि यहां से रोने की काफी आवाज आती थी. भिक्षुक गृह के पास एक मंदिर के पुजारी लाल बाबा ने सीबीआई को बताया कि यहां भिक्षुकों के जोर-जोर से रोने की आवाजें आती थी. कभी-कभी वे जोर से हंसने लगते थे. यहां रहनेवाले एक युवा नवनीत ने मीडिया से कहा कि यहां भिक्ष‍ुकों से मारपीट की जाती थी.
छह जून को केस, आठ अगस्त को भिक्षुकों को भेजा गया
टिस की रिपोर्ट के बाद सामाजिक सुरक्षा कार्यालय ने छह जून को अहियापुर थाने में भिक्षुक गृह संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया. इसके बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू की. इसी साल जनवरी में यह केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था. आठ अगस्त को यहां से 33 भिक्षुकों को दूसरे जिलों में ट्रांसफर किया गया. टिस ने अपनी रिपोर्ट में भिक्षुक गृह में रहने वाले बुजुर्गों से मारपीट की बात कही थी.

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