नवीन कुमार
मुजफ्फरपुर : औराई थाना के नया टोला परसामा टोला गांव निवासी महेश्वर दास एसकेएमसीएच में अपनी पत्नी का शव देख कर बार-बार बेहोश हो रहा था. सीतामढ़ी हादसे में उसकी पत्नी जेबरी देवी की मौत हो चुकी थी. महेश्वर अपनी पत्नी जेबरी देवी का इलाज कराने घर से मुजफ्फरपुर के लिए निकले थे. बेटा मोहित कुमार को शाम तक वापस लौट कर आने की बात कही थी. वहां से इलाज करा कर लौटने के दौरान दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायल अवस्था में दोनों को इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाया गया. इसी दौरान अफरा-तफरी में महेश्वर व जेबरी देवी का अलग-अलग इलाज किया जा रहा था.
महेश्वर को वार्ड एक में रखा गया था. इलाज के दौरान जेबरी देवी की मौत हो गयी. करीब दो घंटे तक जेबरी के शव की पहचान नहीं हो पायी थी. मोहित ने एसकेएसमीएच पहुंच कर अपनी मां जेबरी देवी के शव की पहचान की. बेटे से सूचना मिलने पर महेश्वर अपनी पत्नी के पास दर्द से कराहते पहुंचा. शव को देखते ही वह बेहोश हो कर गिर गया.
दारोगा जी का शव देख चीख उठा अल्तमस: सड़क दुर्घटना में कटरा थाना के बरैठा गांव निवासी पंच सदस्य मो. शमीम उर्फ दारोगा जी की मौत इलाज के दौरान एसकेएमसीएच में हो गयी थी. उसके शव को लाकर इमरजेंसी वार्ड में सीढ़ी के समीप रख दिया गया था. उसका शव भी काफी देर तक वहीं लावारिस स्थिति में पड़ा था.अल्तमस अपने पुत्र शमीम काे ढूंढ़ते एसकेएमसीएच में पहुंचा. सीढ़ी के नीचे अपने पिता का शव देख कर वह दहाड़ मारकर गिर गया. विलाप करते हुए बताया कि उनके पिता आलमपुर सिमरी पंचायत के वार्ड 4 के पंच है. शनिवार को वह कोर्ट में चल रहें केस की पैरवी में मुजफ्फरपुर के लिए घर से निकले थे. कोर्ट से लौटने के दौरान उनकी मौत एसकेमसीएच में हो गयी.
देर रात तक मची रही चीख-पुकार: घायलों की चीख पुकार से पूरा एसकेएमसीएच गूंज रहा था. घायलों के पहुंचने पर एसकेएमसीएच में तैनात डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी इलाज में जुट जा रहे थे. खून से लथपथ मरीजों को दर्द से कराहते देख डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का हाथ भी कांप रहा था. किसी तरह मरीजों को शांत कर चिकित्सक उनका इलाज कर रहें थे. वरीय अधिकारियों के पहुंचने की सूचना मिलते ही एसकेएमसीएच प्रबंधक घायलों को इलाज से पहले ही उनके बिस्तर पर सेब, केला, अंडा, ब्रेड लाकर रख दिया था. मरीज के परिजन पहले इलाज के बाद ही खाने पीने का सामान रखने की बात कह रहे थे. गंभीर रुप से घायल औराई थाना के ससौली गांव निवासी शिक्षक भोला के फल, अंडा आदि सामान रखने पर वह झल्ला उठे. दर्द से कराहते हुए पहले इलाज की बात कही.