सीतामढ़ी : जिले के रून्नीसैदपुर थाना अंतर्गत भनसपट्टी गांव के समीप चंदन बस के पलटने के बाद यात्रियों की दर्दनाक चीख से स्थानीय लोगों की रूह कांप रही थी. बस के पलटने के बाद खून से लथपथ होकर सीटों के बीच एक-दूसरे के साथ बुरी तरह से फंसे यात्रियों की चीखें केवल बाहर आ रही थी. यात्रियों के माई गे माई और बचाओ-बचाओ की दर्दनाक चीख सभी को बेचैन कर रही थी. औरतों की आंखें नम हो रही थीं. उनकी आत्मा कंपकंपा रही थी.
यात्रियों की दर्दनाक चीख सुन कर स्थानीय लोग उन्हें बस से बाहर निकालने के लिए जल बिन मछली की तरह छटपटा रहे थे, लेकिन लाख प्रयास के बाद भी यात्रियों को निकालने में उन्हें कोई सफलता नहीं मिल रही थी. कारण था कि बस की खिड़की व दरवाजे जमीन से चिपक से गये थे. यात्रियों को बाहर निकालने का जगह कम पड़ रहा था. इस दौरान आसपास के गांव के भी सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित होकर दिल दहलाने वाली घटना को देख कर सन्न रह गये.
एक घंटे तक जिंदगी व मौत से जूझते रहे घायल यात्री . घटना की सूचना पर पहले रून्नीसैदपुर पुलिस पहुंची. वहां बस का हालात देखने के बाद टॉल प्लाजा से क्रेन को लाया गया. इस दौरान घायल यात्री भी जिंदगी व मौत से जूझते रहे. क्रेन आने के बाद बस को ऊपर उठाया गया. तब पुलिस वालों ने दरवाजा खोल कर यात्रियों को बाहर निकालते हुए बचाव कार्य आरंभ किया. वहां से एंबुलेंस व निजी वाहनों से घायलों व मृतकों को एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर भेजने का सिलसिला शुरू हुआ.
घायलों में 22 महिलाएं, 13 पुरुष व छह बच्चे: घटना में कुल 41 लोग घायल हो गये है. जिसमें 22 महिला, 13 पुरुष व छह बच्चे है. घायलों में पांच माह का एक बच्चा सुमंत कुमार भी शामिल है. घायलों में मुजफ्फरपुर के औराई, अहियारपुर, दरभंगा के जाले व सीतामढ़ी जिले के रून्नीसैदपुर व बाजपट्टी प्रखंड के लोग शामिल है.