मुजफ्फरपुर: भारत में किडनी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. जीवनशैली, खाने की आदतों और शहरीकरण के तनाव के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. डायबिटीज व उच्च रक्तचाप किडनी की बीमारी के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक हैं. यह बीमारी लंबे समय तक शांत बनी रह सकती है और […]
मुजफ्फरपुर: भारत में किडनी की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. जीवनशैली, खाने की आदतों और शहरीकरण के तनाव के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. डायबिटीज व उच्च रक्तचाप किडनी की बीमारी के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक हैं. यह बीमारी लंबे समय तक शांत बनी रह सकती है और तब पता चलता है जब अच्छा-खासा नुकसान हो चुका होता है. ये बातें प्रशांत हॉस्पिटल में संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपोलो हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ गौरव सागर ने कहीं.
डॉ गौरव ने कहा कि जिन मरीजों की किडनी खराब हो जाती है, उन्हें उम्रभर डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है. किडनी प्रत्यारोपण से इन मरीजों के लिए जीवन की सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता संभव होती है. यह डायलिसिस के मुकाबले ज्यादा किफायती है. उन्होंने कहा कि अब यह संभव है कि ब्लड ग्रुप मैच न हो, तो भी किडनी (एबीओ इनकौमपैटिबल) ट्रांसप्लांट संभव है.
सर्जन डॉ नीतीश अंचल ने कहा कि खराब किडनी वाले हेमोडायलिसिस कराते रहे हैं. यह शरीर का पूरा खून निकाल कर उसे एक मशीन से फिल्टर कर वापस शरीर में डाल देता है. किडनी खराब होने का कारण चाहे जो हो, डायलिसिस के प्रत्येक मरीज के पास वैस्कुलर एक्सेस होना चाहिए. इसे हेमोडायलिसिस के मरीज के लिए जीवनरेखा कहा जा सकता है.
पुरुष नसबंदी के लिए 21 नवंबर से अभियान : जिले में जनसंख्या के घनत्व कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नसबंदी अभियान चलायेगा. परिवार नियोजन में पुरुषों के कम योगदान पर केंद्र ने आपत्ति की है. इसे देखते हुए मुजफ्फरपुर में 21 नवंबर से विशेष अभियान चलेगा. इसमें आशा, एएनएम के अलावा डॉक्टर भी पुरुषों को नसबंदी के लिए जागरूक करेंगे. केंद्र के निर्देश पर 28 नवंबर से चार दिसंबर तक नसबंदी ऑपरेशन होगा.