मुंगेर. नये साल का तीन माह बीत चुका है, लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय में पेंडिंग कार्यों की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है. अब विश्वविद्यालय में लंबे समय से अधूरे पड़े कार्य परेशानी को बढ़ाने लगे हैं. यह स्थिति तब है, जब लगभग 5 माह के लंबे समय के बाद जनवरी माह में ही विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति मिल चुके हैं.
लगभग 3 करोड़ के एडवांस सेटलमेंट
एमयू के अधिकारियों, कर्मियों और कॉलेजों के पास साल 2018 से अबतक लगभग 3 करोड़ रुपये का एडवांस है. जिसका सेटलमेंट अबतक नहीं हो पाया है. जबकि इसके सेटलमेंट को लेकर न केवल जून 2024 में कैग टीम द्वारा आपत्ति जताते हुए एडवांस समायोजन करने को कहा गया था, बल्कि कैग द्वारा ऑडिट के बाद अपने रिर्पोट में इसे लेकर आपत्ति भी जताते हुए विश्वविद्यालय से जवाब मांगा गया था, लेकिन विश्वविद्यालय अबतक लगभग 3 करोड़ रुपये के एडवांस का सेटलमेंट नहीं कर पाया है.
अबतक नहीं हो पायी है एफिलियेशन व सेलेक्शन कमेटी की बैठक
एमयू की छठी सीनेट बैठक 29 मार्च को ही संपन्न हो चुकी है. वहीं अब एमयू के लंबे पेंडिंग कार्यों की सूची में एफिलियेशन और सेलेक्शन कमेटी की बैठक न होना भी जुड़ गया है. बता दें कि साल 2025 के लिए एमयू से 14 कॉलेजों ने अस्थायी व स्थायी संबद्धता के लिए आवेदन किया है. वहीं कॉलेजों ने इसके लिए निर्धारित शुल्क भी जमा कर दिया है, लेकिन अबतक न तो कॉलेजों की जांच हो पायी है और न ही एफिलियेशन कमेटी की बैठक हो पायी है. वहीं विश्वविद्यालय द्वारा 7 जनवरी को अपने 17 कॉलेजों के लिए लगभग 100 अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया. जिसे सेवा विस्तार सेलेक्शन कमेटी के अनुमोदन की प्रत्याशा में दिया गया है. जिसके बाद ही अतिथि शिक्षकों को मानदेय का भुगतान किया जाना है, लेकिन तीन माह बाद भी अबतक एमयू इसके लिए सेलेक्शन कमेटी तक नहीं बना पाया है.
पैट के लिए पीजीआरसी की बैठक लंबित
एमयू ने अपने 20 पीजी विभागों के अंतर्गत 12 जनवरी 2024 को पीएचडी में लगभग 500 शोधार्थियों ने नामांकन लिया. वहीं 6 माह के रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क की परीक्षा का रिजल्ट भी 16 दिसंबर 2024 को रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया. इसके बाद सभी विभागों के शोधार्थियों ने अपने शोध का टॉपिक अपने संबंधित विभागों में आयोजित डीआरसी की बैठक में जमा भी कर दिया. विभाग स्तर पर शोधार्थियों के शोध टॉपिक को स्वीकृति मिलने के बाद अब इसे पीजीआरसी की बैठक में स्वीकृत किया जाना है, लेकिन अबतक एमयू पीजीआरसी की बैठक नहीं करा पाया है. जिसके कारण विश्वविद्यालय के शोधार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी है, क्योंकि पीजीआरसी की बैठक नहीं होने के कारण शोधार्थियों का अबतक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, वहीं रजिस्ट्रेशन न होने के कारण शोधार्थी अपने शोध टॉपिक पर रिसर्च आरंभ नहीं कर पा रहे हैं.
दो विषयों के शिक्षकों की प्रोन्नति अधूरी
मुंगेर. 3 अगस्त 2024 को एमयू द्वारा अपने शिक्षकों को प्रोन्नति दी गयी. जिसमें अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल पायी. इसे लेकर दोनों विषयों के शिक्षक विश्वविद्यालय में धरने पर भी बैठे. जिसमें पहले तो उन्हें तत्कालीन कुलपति प्रो. श्यामा राय द्वारा आश्वासन दिया गया कि 15 अगस्त 2024 तक प्रोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी, लेकिन राजभवन से तत्कालीन कुलपति के निर्णय पर रोक लगने के कारण दोनों विषयों के शिक्षकों के प्रमोशन का मामला भी अटक गया. वहीं दोनों विषयों के शिक्षकों को उम्मीद थी कि स्थायी कुलपति आने के बाद प्रमोशन की प्रक्रिया पूर्ण हो पायेगी, लेकिन कुलपति प्रो. संजय कुमार के पदभार ग्रहण करने के बाद भी अबतक दोनों विषयों के शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो पायी. हालांकि 28 मार्च को हुये सिंडिकेट बैठक में शेष बचे शिक्षकों से प्रमोशन को लेकर आवेदन लिये जाने का निर्णय लिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है