गुस्साए लोगों ने जलकल कर्मियों व मजदूरों को खदेड़ा
मुंगेर. नगर निगम के कस्तूरबा वाटर वर्क्स स्थित वाटर हिल की सफाई से निकले कचरे की बाढ़ के बाद पड़ोस में रहने वाले मुन्ना महतो के घर के पिछले हिस्से की चहारदीवारी टूट कर गिर गयी और कीचड़ फैल गया. जिसके कारण हजारों का जहां नुकसान हुआ, वहीं उनकी बागवानी एवं फल लगा अमरूद व पपीता का पेड़ धरासायी हो गया. पीड़ित परिवार एवं उसके पक्ष में उतरे मोहल्ले वालों के विरोध पर जेसीबी मशीन छोड़ कर जलकल एवं निगम कर्मी वहां से भाग निकले.बताया जाता है कि कस्तूरबा वाटर वर्क्स के सटा हुआ वार्ड-29 का नागलोक मुहल्ला है. कस्तूरबा के दीवार से सटा हुआ मुन्ना महतो की भी दीवार है. मंगलवार को जलकर विभाग की ओर से कस्तूरबा स्थित वाटर हिल की सफाई जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से करायी जा रही थी, क्योंकि उसमें गंगा पानी के साथ ही गंगा मिट्टी भी आती है, जो उक्त टैंक में जमा हो गया था. टैंक से गीला गंगा मिट्टी निकाल कर सीधे पास में फेंका जा रहा था. गीला गंगा मिट्टी का दबाव कस्तूरबा एवं मुन्ना महतो का चारदीवारी झेल नहीं पाया और वह धराशायी हो गया. इतना ही नहीं गीला गंगा मिट्टी का कीचड़ मुन्ना महतो के घर के पीछे बने बाग (बाड़ी) में फैल गया. पीड़ित मुन्ना महतो ने बताया कि 15 से 20 फीट का चहारदीवारी ध्वस्त हो गया, जबकि बाग में लगा अमरूद, पपीता का पेड़ फल सहित धराशाही हो गया, जबकि गोभी सहित अन्य साग-सब्जी व फूल-पत्ती भी कीचड़ में दब कर बर्बाद हो गयी. इधर जब पीड़ित परिवार ने विरोध किया तो सभी भाग गये. बाद में जलकल कर्मी आये और जेसीबी से उसके तरफ जमा गंगा मिट्टी के कीचड़ को निकालने का काम शुरू किया.
वाटर हिल की सफाई से निकले गीला गंगा मिट्टी के दबाव से कस्तूरबा वाटर वर्क्स की चहादीवारी टूट गयी. पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति के घर के पीछले हिस्से में कीचड़ चला गया, जिसे साफ करा दिया गया.निरंजन कुमार निराला, जलकल प्रभारीB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

