– हम नहीं सुधरेंगे की अतिक्रमणकारियों ने खाई है कसम, आप चलाते रहे अभियान, हम लगाते रहेंगे दुकान
मुंगेरमुंगेर शहर को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर एक ओर जहां लगातार चलने वाला अभियान दो दिन में ही दम तोड़ दिया और नगर निगम प्रशासन की सख्ती जहां कार्यालय में कैद हो गया, वहीं अभियान की हवा निकल गयी. पूर्व की तरह शहर के फुटपाथ पर दुकान सज गयी और सड़कों पर ठेला वालों का राज कायम हो गया है. जिसके कारण राहगीरों की परेशानी एक बार फिर बढ़ गयी.
अभियान थमते ही सज गयी दुकान, सड़कों पर ठेला वालों का राज
निगम प्रशासन ने सोमवार और मंगलवार को भारी सुरक्षाबलों के साथ अतिक्रमण हटाओ अभियान निकाला. इस दौरान चार-पांच ट्रेक्टर बांस-बल्ला व शेड जहां जब्त किया गया, वहीं जुर्माना भी वसूल किया गया. सिकुड़ी सड़क चौड़ी हो गयी और शहर का वातावरण खुला -खुला दिखने लगा. लेकिन बुधवार को निगम प्रशासन का अभियान नहीं निकला. जिसके प्रतिकुल असर शहर की सड़कों पर देखने को मिला. एक नंबर ट्रैफिक से पंडित दीनदयाल चौक तक, अस्पताल रोड, कोतवाली रोड, शीतला स्थान चौक, आजाद चौक, साइकिल पट्टी, बाटा चौक के जिस फुटपाथ से अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा था. उस चौक-चौराहा, फुटपाथ पर कपड़ा, सब्जी व फल की दुकानें सज गयी. जबकि सड़कों पर ठेला वालों का राज हो गया. जिसके कारण एक बार फिर अतिक्रमण के कारण शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी. बुधवार की शाम शहर की हालत यह रही है कि अतिक्रमण के कारण पैदल चलना भी दुभर हो गया.
दुकानदारों का आरोप फुटपाथ का भरते है किराया
फुटपाथ पर दुकान लगाने वाला और सड़कों पर ठेला लेकर चलने वाले दुकानदारों ने कहा कि नगर निगम प्रशासन वेडिंग जोन बना नहीं रही है और जिसे वेडिंग जोन बता कर वहां जाने के लिए दबाव दे रही है वहां मूलभूत सुविधा तक नहीं है. ऐसे में हम जैसे वेंडर को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. सामान भी जब्त होता है और जुर्माना भी देना पड़ता है. कई फुटकर दुकानदारों ने बताया कि उनसे निगम के कर्मी नाजायज राशि वसूल करते है. जबकि स्थानीय दुकानदार फुटपाथ पर दुकान लगाने का 200 से 500 रूपया प्रतिदिन के हिसाब से फुटपाथ का किराया वसूल करते है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

