जमालपुर.
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आगाज हो चुका है. इसका केंद्र बिंदु सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन बना हुआ है. जहां रेल या सड़क मार्ग से पहुंचकर शिव भक्त श्रद्धालु उत्तर वाहिनी गंगा से जल भर बैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग पर जल अर्पण करने के लिए रवाना हो रहे हैं. इस सिलसिले में जमालपुर होकर गुजरने वाली पश्चिम की ओर से आने वाली ट्रेनों में बोल बम के नारे गूंज रहे हैं. भले ही कांवरियों को बैठने के लिए ट्रेन पर जगह नहीं मिले, परंतु भोला बाबा के प्रति श्रद्धा और विश्वास पर अपनी कांवर यात्रा अनवरत जारी रख रहे हैं. रेल मार्ग से हजारों शिव भक्त कांवरियों का सुल्तानगंज जाने का सिलसिला बना हुआ है. लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों के अतिरिक्त पैसेंजर ट्रेनों से भी बड़ी संख्या में कांवरिया सुल्तानगंज की ओर रवाना हो रहे हैं. रविवार की रात्रि पटना की ओर से आने वाली ट्रेन में कांवरियों की भारी भीड़ देखने को मिली. बिहार और उत्तर प्रदेश के शिव भक्त कांवरियों ने बताया कि वे लोग रात में सुल्तानगंज पहुंच जाएंगे और सुबह सोमवारी जल भरकर अपने आराध्य देव बाबा बैद्यनाथ पर अर्पण करेंगे. कांवरियों ने बताया कि उन लोगों के साथ कई महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं, इसलिए उन लोगों को सुल्तानगंज से देवघर पहुंचने में तीन से चार दिन का समय लग जाएगा, परंतु बाबा भोलेनाथ का जब बुलावा आया है तो उनके दरबार में हाजिरी लगानी ही होगी. कुछ कांवरियों ने बताया कि अभी तो श्रावणी मेला आरंभ ही हुआ है, इसलिए कांवरियों की भीड़ अपेक्षाकृत कम है. जैसे-जैसे समय बीतेगा, वैसे-वैसे कांवरियों की भीड़ भी बढ़ती जाएगी. कांवरियों ने बताया कि ट्रेन पर अनाधिकृत हॉकर द्वारा मनमाने दाम पर पानी बेचा जाता है. दूसरी तरफ श्रावणी मेला स्पेशल ट्रेन चलाने के बावजूद नियमित ट्रेनों में कांवरियों की खचाखच भीड़ बनी हुई है. डब्बे के अंदर स्थिति यह है कि सामान रखने वाली ऊपरी सीट पर कांवरिया बैठे हुए थे तो कुछ कांवरिया खड़े-खड़े यात्रा करने पर मजबूर थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है