11.2 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

डिजिटल अरेस्ट व पीपीओ अपडेट का डर दिखाकर रिटायर्ड रेलकर्मियों से 23.43 लाख की साइबर ठगी

रिटायर्ड रेलकर्मियों से 23.43 लाख की साइबर ठगी

मुंगेर में दो सेवानिवृत्त रेलकर्मी बने शिकार, पेंशन बंद होने की धमकी देकर एक ही दिन में कई ट्रांजेक्शन से उड़ाई गई जमा पूंजी मुंगेर. साइबर ठग कब, कैसे और किस रूप में अपना शिकार बना लें, इसका अंदाजा लगाना अब आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है. खासकर हाल ही में सेवानिवृत्त हुए सरकारी कर्मचारी इन ठगों के आसान निशाने बनते जा रहे हैं. ताजा मामला मुंगेर से सामने आया है, जहां दो रिटायर्ड रेलकर्मियों को पेंशन प्रभावित होने का डर दिखाकर पीपीओ बुक अपडेट कराने के नाम पर कुल 23 लाख 43 हजार रुपये की ठगी कर ली गयी. सेवानिवृत्ति पर मिली एकमुश्त राशि लुट जाने से दोनों पीड़ित रेलकर्मी सदमे में हैं. पीड़ितों ने साइबर थाना में लिखित शिकायत देकर राशि वापस दिलाने की गुहार लगायी है. डिजिटल अरेस्ट कर एक दिन में उड़ाये लाखों रुपये जमालपुर निवासी रेलकर्मी मनोज कुमार 30 अगस्त 2025 को सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें रेलवे की ओर से लाखों रुपये का भुगतान मिला था, जो उनके एसबीआई खाते में जमा था. 18 दिसंबर को उनके व्हाट्सएप पर एक पीपीओ फॉर्म आया. इसके बाद फोन कर खुद को रेलवे विभाग का अधिकारी बताते हुए कहा गया कि यदि पीपीओ फॉर्म नहीं भरा गया तो उनकी पेंशन बंद हो जायेगी. ठगों की बातों में आकर रेलकर्मी ने उनके निर्देशों का पालन किया. साइबर ठगों ने उनसे यूपीआइ आइडी डाउनलोड करवाई व पीपीओ फॉर्म अपडेट कराने के नाम पर मोबाइल पर आने वाले ओटीपी की जानकारी हासिल कर ली. इसके बाद एक ही दिन में 11 अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर उनके खाते से 22 लाख 55 हजार रुपये निकाल लिये गये. इसी तरह 18 दिसंबर 2025 को एक अन्य रिटायर्ड रेलकर्मी गजेंद्र साह को भी पीपीओ बुक भरने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया. ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाया व फिर बैंक ऑफ बड़ौदा तथा एसबीआइ जमालपुर शाखा के खातों से कुल 88 हजार 196 रुपये उड़ा लिये. गनीमत रही कि उनके खाते में बड़ी रकम नहीं थी, जिससे नुकसान सीमित रह गया. ठगों तक कैसे पहुंच रहा रिटायर्ड रेलकर्मियों का डाटा इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि साइबर ठगों के पास हालिया सेवानिवृत्त रेलकर्मियों की पूरी जानकारी आखिर पहुंच कैसे रही है. सूत्रों के अनुसार, कई स्तरों पर मिलीभगत के जरिए ठगों को रिटायर्ड कर्मियों का डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है. विभागीय स्तर से डाटा लीक होने की आशंका भी जतायी जा रही है. ठग पेंशन बंद होने व पीपीओ फॉर्म मोबाइल नंबर पर भेजने का झांसा देकर रिटायर्ड कर्मियों को फंसाते हैं. फिर उनकी जीवन भर की जमा पूंजी खाते से उड़ा लेते हैं. हैरानी की बात यह है कि एक ही दिन में 4.99 लाख रुपये की कई बार ट्रांजेक्शन होने के बावजूद बैंक स्तर पर कोई सतर्कता या रोक-टोक नहीं की गयी. कहते हैं डीएसपी इस संबंध में साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी राकेश रंजन ने बताया कि साइबर ठग इन दिनों रिटायर्ड रेलकर्मियों को पेंशन बंद होने का भय दिखाकर ठगी कर रहे हैं. पीड़ितों के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. साइबर थाना पुलिस मामले की गहन छानबीन कर रही है. उन्होंने सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों से अपील की है कि किसी भी तरह की जानकारी केवल विभागीय कार्यालय से ही प्राप्त करें. व्हाट्सएप या फोन पर आने वाले संदिग्ध मैसेज और कॉल को नजरअंदाज करें. किसी को भी ओटीपी, बैंक डिटेल या यूपीआइ संबंधी जानकारी साझा न करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel