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Munger Special Report: सड़क हादसों के शिकार परिवार मुआवजे के लिए तरसे, जागरूकता की कमी भारी

Munger Special Report: हिट एंड रन मामले में पीड़ित लोगों की मदद के लिए सरकार ने अप्रैल, 2022 में हिट एंड रन कानून बनाया. इसके तहत मृतक के आश्रित को दो लाख और घायल के परिवार को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. लेकिन मुंगेर जिले में अब तक मात्र 66 पीड़ित परिवारों को ही लाभ मिला है.

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Munger Special Report, वीरेंद्र कुमार: मुंगेर जिले से एनएच-80, एनएच-333 और एनएच-333 बी गुजरा है. स्टेट हाइवे के अतिरिक्त भी सड़कों का जाल बिछा हुआ है. इस पर हर साल लगभग 80 से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है और 200 से अधिक लोग घायल होते हैं. पर, दुर्घटना की तुलना में लाभ प्राप्त करनेवालों की संख्या काफी कम है, क्योंकि लोगों में जागरूकता का अभाव है. विभाग अथवा पुलिस प्रशासन का मदद करना तो दूर, हिट एंड रन मामले में पीड़ित परिवार को जो मुआवजा मिलता है, उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं देते. इसके कारण कई परिवार
इसके लाभ से वंचित रह जाते हैं.

108 मामलों में मात्र 66 को मिला लाभ

परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो कुल 108 मामले विभाग के पास आये. इसमें जांच-पड़ताल के बाद 74 आवेदनों को जीआइसी मुंबई को भेजा गया है. इसमें 66 मामलों का निष्पादन हो पाया है. इसमें 62 मृतक के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये इस योजना के तहत मुआवजा राशि के तौर पर भुगतान हो चुका है, जबकि मात्र चार घायलों को ही प्रति घायल 50 हजार के हिसाब से मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सका है, अभी भी 42 मामले लंबित हैं.

जागरूकता का अभाव उत्पन्न कर रही समस्या

हादसों की संख्या और मुआवजे के मामले में काफी फर्क है. इसके पीछे एक कारण यह है कि विक्टिम और मृतक के परिजनों को योजना के बारे में जानकारी का अभाव है. कई मामलों में हिट एंड रन में मृतक के परिजनों को मुआवजा इसलिए नहीं मिल पाया है, क्योंकि कई मामलों में एफआइआर दर्ज नहीं हुई, तो कई मामलों में मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है.

कुछ ऐसे मामले हैं, जिसमें घायलों को परिजन इलाज के लिए इधर-उधर लेकर चले जाते हैं, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो जाती है. पर, परिजन उनका पोस्टमार्टम नहीं कराते और शव का अंतिम संस्कार कर देते हैं. इसके कारण ऐसे मृतकों के परिजनों को हिट एंड रन का लाभ नहीं मिल पाता है.

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिट एंड रन केस में पुलिस पीड़ित को निश्चित तौर पर मुआवजे की योजना के बारे में सूचित करे और इसका लाभ पीड़ित कैसे ले सकते हैं, इसके बारे में उन्हें जानकारी दे.

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ट्रिब्यूनल ने दिलाया छह पीड़ित परिवारों को लाभ

मुंगेर में 7 फरवरी, 2025 को किला परिसर में बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण का प्रमंडलीय कार्यालय खोला गया है. यहां मुंगेर प्रमंडल के छह जिलाें मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, बेगूसराय व खगड़िया के नन हिट एंड रन मामलों की सुनवाई हो रही है.

मिली जानकारी के अनुसार, दो माह में ट्रिब्यूनल ने छह मृतक व घायल के परिवारों को सुनवाई कर इंश्योरेंस कंपनी से लाभ दिलाया. विदित हो कि नन हिट एंड रन से मौत पर न्यूनतम पांच लाख तथा घायल की अवस्था में न्यूनतम 2.50 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है.

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आवेदनों का ठीक से हो रहा निबटारा

जिला परिवहन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार अलवेला ने कहा कि मुंगेर जिले में आवेदनों का ठीक से निबटारा हो रहा है. अब तक 108 में से 66 पीड़ित पक्ष को हिट एंड रन मामलों में इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजा दिलाया जा चुका है. कई मामले इंश्योरेंस ऑफिस में लंबित हैं. कुछ आवेदनों की जांच हो रही है.

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