सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों के बारे में बता रहे हैं चिकित्सक
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ठंड से रहें सतर्क, हमला कर सकती हैं बीमारियां
सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों के बारे में बता रहे हैं चिकित्सक घरेलू उपाय से आप सर्दी से होने वाली बीमारियों से रह सकते हैं दूर मुंगेर : सर्दियों का मौसम आपको कई बीमारियों के करीब पहुंचा सकता है. अनेक बीमारियां इस मौसम में हमारे आसपास मंडराती रहती हैं. इनसे आप खुद को […]
घरेलू उपाय से आप सर्दी से होने वाली बीमारियों से रह सकते हैं दूर
मुंगेर : सर्दियों का मौसम आपको कई बीमारियों के करीब पहुंचा सकता है. अनेक बीमारियां इस मौसम में हमारे आसपास मंडराती रहती हैं. इनसे आप खुद को कैसे बचाये रख सकते हैं, बता रहे हैं डॉ राजीव रंजन. वे बताते हैं कि सर्दी, जुकाम, बुखार, त्वचा आदि की समस्याएं सर्दियों के मौसम में आम होती हैं. जो लोग समय पर इन बातों का ध्यान रखते हैं और मौसम के अनुरूप अपना खयाल रखते हैं. उन्हें तो सर्दी की ये बीमारियां छू भी नहीं पातीं,
सर्दी-जुकाम: इसे कॉमन कोल्ड भी कहते हैं. जो तापमान में परिवर्तन के कारण होता है. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. उन्हें यह जल्दी पकड़ता है. संक्रमण वाली इस बीमारी के वारयस से बचने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखना होता है. बार-बार हाथ को साबुन से धोते रहना चाहिए, ताकि संक्रमण से बचे रह सकें. यह वायरल इंफेक्शन है. इस कारण इसमें एंटीबायटिक की जरूरत नहीं होती और यह 5 से 7 दिन में खुद ही ठीक हो जाता है. इसमें एंटी एलर्जिक दवा दी जाती है. भाप, नमक के पानी के गरारे आदि काफी लाभदायक हैं. इसमें गर्म तरल पदार्थ का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए. तुरंत गर्म से ठंडे में और ठंडे से गर्म में न जायें, अन्यथा इससे इस संक्रमण की गिरफ्त में आ सकते हैं.
हाइपोथर्मिया: सर्दियों में अगर शरीर का तापमान 34-35 डिग्री से नीचे चला जाये तो उसे हाइपोथर्मिया कहते हैं. इसमें हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है. हार्ट बीट बढ़ जाती है, बीपी कम हो जाता है. अगर शरीर का तापमान कम हो जाय तो मौत भी हो सकती है. तेज ठंड का सामना न करें.
टॉन्सिलाइटिस: बच्चों में पायी जाने वाली यह आम समस्या भी टॉन्सिल में संक्रमण के कारण होती है. गले में काफी दर्द होता है. तेज बुखार भी हो सकता है. यह बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से हो सकता है. इससे बचे रहने के लिए इस मौसम में ठंडी चीजों का प्रयोग करने से बचें. गर्म भोजन और गुनगुने पानी का प्रयोग करें.
अस्थमा : यह एक एलर्जिक बीमारी है. जिन लोगों को यह बीमारी होती है, इस मौसम में उनकी तकलीफ बढ़ जाती है. सर्दियों में कोहरा बढ़ जाता है. एलर्जी के तत्व इस मौसम में कोहरे की वजह से आसपास ही रहते हैं, हवा में उड़ते नहीं हैं. इन तत्वों से अस्थमा के रोगियों को अधिक तकलीफ होती है. ऐसे लोगों के लिए धूल-मिट्टी से बचना बहुत जरूरी है. दवा खा रहे हैं तो उसे नियमित रूप से लें. कोई दवा चूकें नहीं, क्योंकि ऐसे में एलर्जेट अटैक कर सकते हैं.
बेल्स पाल्सी: इसे फेसियल पेरालिसिस कहते हैं. यह सर्दियों में बड़ा सामान्य है. इसमें मुंह टेड़ा हो सकता है, आंख खराब हो सकती है. कान के पास से सेवेंथ क्रेनियल नस गुजरती है, जो तेज ठंड होने पर सिकुड़ जाती है. इसकी वजह से यह बीमारी होती है. इसमें मुंह टेड़ा हो जाता है, मुंह से झाग निकलने लगता है, बोलने में जबान लड़खड़ाने लगती है और आंख से पानी आने लगता है. अगर आप लंबे समय तक ठंड में हैं तो कान की उस नस को नुकसान हो सकता है. खासकर ड्राइविंग करने वालों, रात में बिना सिर को ढके कहीं जाने वालों में इसका खतरा बढ़ जाता है. इसलिए मफलर का प्रयोग करें, गाड़ी के शीशे बंद रखें.
रूखी त्वचा: सर्दियों में अधिक कपड़े पहनने से शरीर को मॉइश्चर नहीं मिलता, जिससे त्वचा ड्राइ हो जाती है. इससे वे फटने लगती हैं. त्वचा को ड्राइ होने से बचाने के लिए मॉइश्चराइजर जरूर लगायें. त्वचा को ड्राइनेस से बचाने के लिए मलाई या तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं. होठों में भी यह समस्या आती है.
सर्दी में होने वाली बीमारियां : इस मौसम में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में लकवे का खतरा बढ़ जाता है. सर्दी के मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी तो आम बात है, लेकिन इनके अलावा ब्रेनस्ट्रोक,डाइबिटीज, हाईब्लड प्रेशर और दमा के मरीजों के लिए सर्दी और भी बड़ी मुसीबत बन सकती है.
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