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एनएच के ऊपर से बह रहा है पानी, बाढ़ग्रस्त इलाके में फंसे हैं सैकड़ों परिवार, बढ़ी परेशानी

मुंगेर : गंगा के जल-स्तर में धीमी गति से बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है़ सोमवार को जहां प्रत्येक 10 घंटे में एक सेंटीमीटर जल-स्तर बढ़ रहा था, वहीं गंगा का जल-स्तर अब खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर उपर बह रहा है. धीमी गति से जल-स्तर में बढ़ोतरी होने के बावजूद अब भी सैकड़ों […]

मुंगेर : गंगा के जल-स्तर में धीमी गति से बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है़ सोमवार को जहां प्रत्येक 10 घंटे में एक सेंटीमीटर जल-स्तर बढ़ रहा था, वहीं गंगा का जल-स्तर अब खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर उपर बह रहा है. धीमी गति से जल-स्तर में बढ़ोतरी होने के बावजूद अब भी सैकड़ों पीड़ित परिवार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए है़ं

दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क भंग हो जाने के कारण पीड़ित परिवारों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. पीड़ित परिवार पिछले एक एक सप्ताह से बाढ़ के कहर से तबाह हैं. हाल यह है कि अब तो राष्ट्रीय उच्च पथ 80 के उपर से भी बाढ़ का पानी बहने लगा है.
खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर बह रही गंगा: पिछले एक सप्ताह से गंगा के जल-स्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है़ सोमवार को जल-स्तर में बढ़ोतरी का रफ्तार काफी धीमा था. लेकिन पिछले 24 घंटे में गंगा का जल-स्तर 3 सेंटीमीटर बढ़ा है. बाढ़ अब जिल के प्रभावित इलाकों के लिए काफी विनाशकारी हो चुका है़
केंद्रीय जल आयोग की मानें तो गंगा के जल-स्तर में अब फिलहाल बढ़ोतरी होने की कोई संभावना नहीं है और गुरुवार को जल-स्तर स्थिर हो जायेगा़ क्योंकि बुधवार से पटना के जल-स्तर में कमी होना शुरु हो गया है़ ऐसे में अब संभावना है कि शुक्रवार से मुंगेर के जल-स्तर में भी कमी दर्ज की जा सकती है़
राहत शिविरों में दिया गया पका हुआ भोजन: गंगा का जल-स्तर खतरा निशान पार होने के चार दिन बाद बुधवार को पीड़ित परिवारों को पका हुआ भोजन उपलबध कराया गया़ साथ ही शिविर में मौजूद छोटे बच्चों को दूध भी उपलब्ध कराया गया़
प्रशासनिक स्तर पर भले ही पीड़ित परिवारों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा हो़ किंतु भोजन के इतर उन्हें साबुन-सर्फ व अन्य जरूरी सामग्रियों की नितांत आवश्यकता है. जिसकी आपूर्ति प्रशासनिक स्तर पर नहीं करायी जा रही है और न ही स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा ही़ ऐसी भोजन-पानी के अलावे लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है़
दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क भंग
बाढ़ ने जिले में इस तरह हाहाकार मचा रखी है कि कुतलुपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर, झौवाबहियार तथा हरिणमार जैसे पंचायतों में सड़कों से संपर्क होने में महीने भर से अधिक समय लगने की संभावना है़
वहीं महुली, शंकरपुर, तौफिर, सीताकुंड डीह, वैसा पहाड़, चड़ौन, रामगढ़, मनियारचक, खरबा, कामास्थान, महेशपुर, बजरंगबली नगर, कालारामपुर, बरियारपुर बस्ती, रहिया, दिवानी टोला, फुलकिया व शहरी क्षेत्र के विभिन्न बाढ़ प्रभावित गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से भंग हो चुका है़ सड़कों पर बाढ़ का पानी बहने के कारण पीड़ितों को कहीं भी आने-जाने के लिए नाव व डेंगी का सहारा लेना पड़ रहा है़ वहीं राष्ट्रीय उच्च पथ 80 के ऊपर से बाढ़ का पानी बहने लगा लगा है़
विभिन्न स्थानों पर जल-स्तर
स्थान जल-स्तर
मुंगेर 39.58 मीटर
भागलपुर 34.18 मीटर
कहलगांव 32.04 मीटर
साहेबगंज 28.26 मीटर
फरक्का 23.68 मीटर

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