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नियमित नहीं बदली जाती है चादर, संक्रमण का खतरा

मुंगेर : मरीजों के बेड पर उपलब्ध कराये जाने वाले चादर की धुलाई पर सदर अस्पताल प्रबंधन हर महीने लगभग 22-23 हजार रुपये खर्च करती है. बावजूद मरीजों को प्रतिदिन धुली हुई चादर नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण मरीजों को एक ही चादर पर कई दिन गुजारना पड़ रहा है. ऐसे में मरीजों […]

मुंगेर : मरीजों के बेड पर उपलब्ध कराये जाने वाले चादर की धुलाई पर सदर अस्पताल प्रबंधन हर महीने लगभग 22-23 हजार रुपये खर्च करती है. बावजूद मरीजों को प्रतिदिन धुली हुई चादर नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण मरीजों को एक ही चादर पर कई दिन गुजारना पड़ रहा है. ऐसे में मरीजों को हमेशा संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन इसे नजरअंदाज कर देता है.

किसी भी वार्ड में नहीं बदली गयी चादर
सदर अस्पताल के किसी भी वार्ड में शुक्रवार को मरीजों के बेड पर चादर नहीं बदली गयी थी. जिसके कारण पुरुष सर्जिकल वार्ड, पुरुष मेडिकल वार्ड, आइसुलेशन वार्ड, वृद्धा वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी वार्ड, प्रसव वार्ड, महिला सर्जिकल वार्ड, महिला मेडिकल वार्ड, डेंगू वार्ड तथा शिशु वार्ड में गुरुवार को बिछायी गयी पीली चादर ही बेडों पर पड़ी हुई थी. इतना ही नहीं कई बेडों पर तो कोई चादर ही नहीं थी. बिना चादर बिछे ही कई बेडों पर मरीजों का इलाज चल रहा था.
मरीजों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया आरोप: महिला सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीज सुनीता देवी ने बताया कि शुक्रवार को उसके वार्ड में एक भी बेड पर चादर नहीं बदली गयी तथा जो नये मरीज आये, उसे बिना चादर के ही बेड पर भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया.
वहीं एक मरीज के परिजन पूरबसराय निवासी कन्हैया कुमार ने बताया कि प्रतिदिन मरीजों के बेड पर चादर नहीं बदले जाने का मुख्य कारण अस्पताल प्रशासन तथा संवेदक की मिलीभगत है. तभी तो एक भी वार्ड में चादर नहीं बदले जाने के बावजूद अस्पताल प्रशासन के एक भी पदाधिकारियों ने इस संबंध में न तो मरीजों की सुधी ली और न ही संवेदक को कह कर चादर बदलवाया.
सतरंगी चादर योजना को दिखाया जा रहा ठेंगा: स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार अन्य सरकारी अस्पतालों के तहत सदर अस्पताल में भी सतरंगी चादर योजना लागू है. जिसके तहत प्रतिदिन अलग-अलग रंगों का चादर मरीजों के बेड पर बिछायी जानी है.
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार मरीजों के बेड पर रविवार को बैंगनी, सोमवार को नीला, मंगलवार को आसमानी, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी तथा शनिवार को लाल चादर बिछायी जानी है.
लेकिन संवेदक द्वारा स्वास्थ्य विभाग के इस सतरंगी चादर योजना को ठेंगा दिखाया जा रहा है. मालूम हो कि अस्पताल में लगभग 150 बेडों के अनुसार प्रतिमाह लगभग 22-23 हजार रुपये चादर धुलाई के नाम पर संवेदक को भुगतान किया जाता है. बावजूद मरीजों को बेड पर दिन के हिसाब से साफ-सुथरी चादर उपलब्ध नहीं करायी जाती है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक: अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि मरीजों के बेड पर चादर नहीं बदले जाने की जानकारी उन्हें नहीं मिली है. वे खुद इसका जांच करेंगे. ऐसा पाये जाने पर संबंधित संवेदक की राशि में कटौती की जायेगी.

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