मुंगेर : लंबे अंतराल के बाद अतिक्रमण से कराह रहे मुंगेर में बुधवार को प्रशासनिक स्तर पर अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रारंभ किया गया. सदर अस्पताल रोड एवं मुख्य बाजार के पटेल चौक से लेकर गांधी चौक होते हुए पूरबसराय ढाला तक अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान जहां अधिकांश लोगों ने खुद ही अपने द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाया.
वहीं कहीं-कहीं प्रशासनिक स्तर पर जेसीबी से तोड़-फोड़ भी की गयी. अतिक्रमण हटाओ अभियान का नेतृत्व नगर आयुक्त श्यामल किशोर पाठक, अनुमंडल पदाधिकारी खगेश चंद्र झा एवं अपर पुलिस अधीक्षक हरिशंकर प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया. शहर के अस्पताल रोड से एक नंबर ट्रैफिक होते हुए पूरबसराय ढ़ाला तक सड़कों के किनारे फैले अतिक्रमण पर जम कर बुलडोजर चला. चार घंटे तक लगातार चले इस अतिक्रमण हटाओ अभियान में देखते ही देखते सिकुड़ी हुई शहर की सड़कें काफी चौड़ी हो गयीं.
हालांकि इस अभियान के आरंभ होने से कुछ देर पहले ही कई व्यवसायी अपने दुकानों के आगे फुटपाथों पर किये गये अतिक्रमण तथा दुकानों के शेड को हटा चुका थे. किंतु कई व्यवसायी इस इंतजार में थे कि प्रशासनिक काफिला के आने के बाद सोचा जायेगा. इस इंतजार में कुछेक दुकानदारों को राहत भी दी गयी. किंतु बांकी के अतिक्रमण को काफी सख्ती के साथ हटा दिया गया. गुरुवार को फिर से इन मार्गों पर दुबारा अभियान चलाया जायेगा.
वैसे तो सुबह के 8 बजे से अतिक्रमण हटाओ अभियान आरंभ किया जाना था. किंतु प्रशासनिक पदाधिकारी अपने दल-बल के साथ सुबह 10 बजे सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर पहुंचे. वहां पहुंचते ही दुकानों पर बुलडोजर चलना शुरु हो गया. प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ ही दो दर्जन सुरक्षा बलों की मौजूदगी में निगम कर्मी ने बारी-बारी से अस्पताल रोड में सड़क किनारे में अवैध तरीके से चलाये जा रहे दुकानों को ध्वस्त कर दिया और वहां अतिक्रमण हटाते हुए एक नंबर ट्रैफिक पर पहुंचे. इस दौरान सड़कों पर लोगों की भीड़ जुट गयी.
रोती रही महिला, चलता रहा बुलडोजर
अस्पताल रोड में पश्चिम की ओर बनी एक झोंपड़ी में लाल दरवाजा निवासी विकास कुमार की पत्नी लवली कुमारी रहती थी. जब बुलडोजर उसके झोंपड़ी के पास पहुंची, तब महिला झोंपड़ी से बाहर निकल गयी और एसडीओ से झोंपड़ी न हटाने की गुहार लगाने लगी. जिसके बाद एसडीओ ने उसे एक सप्ताह में खुद से झोंपड़ी हटा लेने का निर्देश दिया. किंतु वहां के स्थानीय दुकानदारों ने ही एसडीओ से कह दिया कि महिला का पति तो झोंपड़ी में होटल चलाता है. जिसके बाद एसडीओ सख्त हो गये तथा तत्क्षण झोंपड़ी को हटाने का निर्देश दिया. इतना सुनते ही महिला भागते हुए झोंपड़ी के अंदर घुस गयी और कहने लगी कि झोंपड़ी के साथ उसे भी बुलडोजर से रौंद दिया जाये. जिसके बाद चार महिला पुलिस झोंपड़ी के भीतर गयी तथा महिला को खींच कर बाहर निकाल दिया. जैसे ही झोंपड़ी पर बुलडोजर चला, वैसे ही महिला दहाड़ मार कर रोने लगी. बारी-बारी से वह प्रशासनिक पदाधिकारियों के आगे रोती-गिड़गिड़ाती रही और उसकी झोंपड़ी पर बुलडोजर चलता रहा.