मोतिहारी . साइबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस ने अनूठी पहल शुरू की है. डिजिटल युग में साइबर अपराध से आमलोगों को सुरक्षित रखने की दिशा में यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. रविवार को साइबर थाना की पुलिस ने इसकी शुरूआत की. मोतिहारी पुलिस लाइन से गांधी चौक तक जागरूता मार्च निकाला गया. उसमें बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी व आम लोगों ने हिस्सा लेकर आमजनों को साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूक किया. इस दौरान लोगों को बताया गया कि बदलते परिवेश में साइबर अपराधी रोज नये-नये तकनीक का इस्तेमाल कर रहे है.ऐसे में बिना जांच-पड़ताल के किसी भी ऐप को डाउनलोड न करे. लोन लेने के लिए प्रमाणित बैंकों का ही चयन करे.सीबीबाई, ईडी या पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल करता है और झूके केस में फंसाने की धमकी देता है तो तत्काल उस कॉल काे डिसकनेक्ट कर दे. बिना घबराये इसकी सूचना तत्काल साइबर थाना को दे. साइबर डीएसपी अभिनव पराशर के नेतृत्व में निकाली गयी जागरूकता मार्च के दौरान पुलिसवालों ने लोगों को इन दिनों साइबर अपराधियों के लुभावनी योजनाओं की भी जानकारी दी. बताया कि साइबर अपराधी आज-कल लुभावनी योजनाओं का सहारा लेकर भी ठगी कर रहे है. मुफ्त बिजली, मुफ्त सोलर, बड़ी इनाम में जीत सहित कई लालच देकर संदिग्ध मैसेज के साथ लिंक भेजते है, जिस पर क्लिक करते ही आपकी व्यक्तिगत और वित्तिय जानकारी चोरी हो सकती है. ऐसे में बिना जांच-पड़ताल के ऐसे संदिग्ध मैसेज के किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करे. डीएसपी ने हाल में ही मोतिहारी में पकड़े गये साइबर बदमाशों के नये तरकीबों के बारे में बताते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेवारी नहीं है, बल्कि यह हर एक नागरिक की सतर्कता पर निर्भर करती है. उन्होंने लोगों को अपनी निजी व वित्तिय जानकारी जैसे ओटीपी, पिन, पासवर्ड किसी के साथ सांझा नहीं करने की अपील की. कहा कि अज्ञात नम्बरों से आने वाली वीडियो या ऑडियो कॉल का जवाब देने से बचे. किसी भी संदिग्ध मैसेज या ईमेल पर तुरंत भरोसा नही कसे. अगर कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो जाता है तो तुरंत हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर कॉल करे. या फिर www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करे.
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