Motihari: मोतिहारी. कोइ बोले राम राम, कोइ बोले खुदाइ, जो बोले सो निहाल शत श्री अकाल की जयघोष से बुधवार को गुरूसिंघ सभा का प्रशास गूंज उठा. मौका था गुरू नानक देव जी 556 वां जयंती सह प्रकाशोत्सव पर्व समारोह का. इस अवसर पर सभी छोटे-बड़े लोगों ने गुरू नानक देव के दरबार में माथा टेका और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि की अरदास लगायी. इस अवर पर भजन-कीर्तन, अखंड पाठ का आयोजन किया गया. वहीं पटना से आये रागी कविन्द्र सिंह द्वारा सुमधुर भजनों का गायन किया गया. इसके बाद गुरू के सिद्धांतों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी वक्ताओं ने समवेत स्वर में कहा कि गुरूनानक देव जी के सिद्धांतों पर चलकर दुनिया में शांति कायम की जा सकती है. वक्ताओं ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने मानवता, सच्चाई और प्रेम का लोगों को संदेश दिया. उनहोंने कहा था ईश्वर का स्मरण करो, इमानदारी से काम करो और अपनी कमाई में से कुछ हिस्से दुखी एवं गरीबों के बीच बांटों. वक्ताओं ने कहा कि गुरूनानक देव जी की शिक्षाएं हमें सच्चाई, सेवा और ईश्वर भक्ति के मार्ग पर चलने की सलाह देती है. कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरू सिंघ सभा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सतपाल सिंह छाबड़ा ने की, जबकि परिचर्चा में जयगुरू देव संस्था के रंजीत प्रसाद यादव, प्रो. रामनिरंजन पांडेय, पूर्व प्राचार्य अरूण कुमार, पूर्व स्टेशन प्रबंधक दिलीप कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमार सिंह, सोनू सिंह, रौनक दीप सिंह, नीलू राजा, करण जीत सिंह, वीरेन्द्र सिंह, विशाल कुमार, सुखविंदर सिंह, मोनू सिंह, मनजीत सिंह, देवेन्द्र सिंह सित सैकड़ों सिख समुदाय के लोग मौजूद थे.
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