Motihari: मोतिहारी. पूर्वी चंपारण जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों में उर्वरक तस्करी अपने चरम सीमा पर है. इसे रोक लगाने को प्रशासन समय-समय पर तत्पर रहा है. बावजूद इसके तस्करी का धंधा रुक नहीं रहा है. बताया जाता है कि जिला के आदापुर, छौड़ादानो, बनकटवा प्रखंड के महुआवा, कटकेनवा, रघुनाथपुर, लक्ष्मण नगर, इमलिया, रसा, विदवासिनी, हनुमान नगर, चन्द्रमन, कोरैया, मटिअरवा, बड़इला, गुलरिया, जोलगांवा, अगरवा, रेगनिया, बलुआ सहित तमाम सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी का काम बेखौफ जारी है. रैक प्वाइंट से खाद के उठाव के बावजूद स्थानीय किसानों को खाद नहीं मिल रहा है. किसान बताते है कि एक बोरा यूरिया खाद की किमत माफियाओं द्वारा पांच सौ रुपया वसूला जा रहा है, जबकि सरकारी दर दो सौ 65 रुपया निर्धारित है. नेपाल में पहुंचते ही इसकी कीमत नौ सौ से लेकर 11 सौ रुपया हो जाता है, जिससे तस्कराें की चांदी कटती है. बताया जाता है कि यह तस्कर इन खाद के बोरों को साइकिल, ट्राइसाइकिल के सहयोग से ग्रामीण सड़क पकड़ कर नेपाल पहुंच जाते है. उन रास्तों पर इनका रोक-टोक नहीं होता है. हाल ही में बनकटवा प्रखंड के रेगनिया गांव के समीप 11 जुलाई को एसएसबी एवं तस्करों के बीच मुठभेड़ हुआ था. इस दौरान एसएसबी को गोलियां चलानी पड़ी थी. बाद में पुलिस व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मामला शांत हुआ. उस समय करीब सौ बोरा से अधिक खाद जब्त किया गया था.
मांग के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति नहीं होने पर मच रहा बवाल
पूर्वी चंपारण जिला में मांग के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति नहीं होने पर किसानों को परेशानी हो रही है. यदि आवश्यकतानुसार आपूर्ति हो जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 999383.241 टन यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीके तथा एसएसपी उर्वरक की आवश्यकता है, जिसमें अभी तक 76017.937 टन उर्वरक जिला को प्राप्त हो चुका है. 23365.30 टन और उर्वरक जिले को मिल जाए तो उर्वरक की समस्या का समाधान हो सकता है. बताया जाता है कि कई पंचायतों एवं पैक्सों द्वारा मांग के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति नहीं होने पर हंगामे के डर से उर्वरक का वितरण नहीं कर पा रहे है.
जिला में 230 दुकानों पर हुई छापेमारी
उर्वरक तस्करी पर रोक लगाने को ले कृषि विभाग ने अब तक 230 दुकानों पर छापामारी की, जिसमें 42 दुकानों पर अनियमितता पायी गयी. वहीं चार दुकानों पर एफआइआर किया गया तथा 10 दुकानों की अनुज्ञप्ति रद्द की गयी. साथ ही 19 दुकानों को निलंबित किया गया तथा 10 से स्पष्टीकरण पूछा गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
हमारा प्रयास है कि हर किसानों को उर्वरक उपलब्ध हाे सके.
मनीष कुमार सिंह, कृषि पदाधिकारीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

