हरसिद्धि.थाना क्षेत्र के दुदही नासि टोला गांव में ठनका गिरने से साबिर आलम की मौत हो गयी. मृतक बच्चे के पिता असलम आलम एक गरीब परिवार से आते हैं जो मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. साबिर के माता सबीरा खातून है. साबिर दो भाई तथा तीन बहन था. साबिर अपने परिवार का बड़ा पुत्र था. साबिर अपने पिता के कामों में सहयोग करते हुए आठवीं क्लास में हरसिद्धि पढ़ रहा था. सभी भाई-बहन छोटे हैं. इसलिए उसे परिवार में ज्यादा सदमा लग गया है. साबिर के माता की रोते-रोते बुरा हाल हो चुका है. वह बार-बार अपने बेटे का नाम ले-लेकर चिल्ला रही और कह रही है कि साबिर बेटा हमको छोड़कर चला गया. हम किनके सहारे अब रहेंगे. वहीं पिता असलम आलम की भी स्थिति दयनीय हो चुकी है. मजदूरी करने वाला व्यक्ति अपने दो बेटे और तीन बेटियों को सरकारी विद्यालय में पढ़ा रहे थे. उनकी स्थिति ठीक-ठाक नहीं थी. साबिर हमेशा अपने पिता के साथ कामों में हाथ बढ़ाता था. कभी-कभी अपने पिता के साथ भी मजदूरी करने चला जाता था. लेकिन उसके पिता साबिर बार-बार मना करते थे कि बेटा तुम मेरे साथ मत आओ तुम पढ़ो और लिखो, बड़ा आदमी बनो और मेरे बुढ़ापे का सहारा बनो. गांव की स्थिति ऐसी हो गई है कि सुबह से लेकर अभी तक गांव में चूल्हे नहीं जले हैं. छोटे भाई और तीन छोटी बहनों का भी रोते-रोते बुरा हाल हो चुका है. अपने बड़े भैया की खोने की गम में चारों की स्थिति खराब हो चुकी है. वही मुजफ्फरपुर अस्पताल में इलाजरत तैयब हुसैन का पुत्र सोनू आलम का भी मौत इलाज के क्रम में हो गयी. मौत के बाद गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है. एक ही गांव से दो शव जनाजे के लिए जाएंगे तो देखने वाले की भी जान निकल जाएगी. मृतक सोनू के पिता तैयब अंसारी भी मजदूरी कर अपने बेटे-बेटियों को परवरिश कर रहे थे. लेकिन ऊपर वाले कुदरत की मार ऐसी हुई कि उनके पुत्र सोनू की मौत आपदा से हो गयी. बताया कि सोनू दो भाई और तीन बहन था जिसमें सोनू दूसरे स्थान पर था. सोनू पढ़ने में काफी तेज तर्रार था. लेकिन ऊपर वाले की मंजूर नहीं था कि वह आगे चलकर मेरा बुढ़ापे की सहारे की लाठी बने. सोनू की मां नूरजहां खातून को जब खबर मिली कि मेरा भी बेटा मुजफ्फरपुर में मौत के शिकार हो गया तो वह बेहोश हो गई है. सोनु की मां का भी इलाज निजी अस्पताल हरसिद्धि में चल रहा है. वहीं स्थानीय मुखिया पति वेद प्रकाश कुशवाहा, पंचायत समिति सदस्य पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दिला रहे हैं.
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