मोतिहारी. केविवि के मीडिया अध्ययन विभाग में आईसीएसएसआर, दिल्ली द्वारा प्रायोजित दस दिवसीय शोध प्राविधि कार्यशाला के चौथे दिन रविवार को डेटा विश्लेषण पर आधारित तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ. प्रथम तकनीकी सत्र में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुज़फ्फरपुर के प्रो. मोहम्मद शालाउद्दीन ने “अनुसंधान के लिए नमूनाकरण तकनीक ” विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सैंपलिंग तकनीकों, संभाव्यता और गैर-संभाव्यता विधियों को शोध की आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जाता है. डेटा संग्रहण संसाधनों के साथ प्राथमिक और द्वितीयक डेटा की बारीकियों से शोधार्थियों को अवगत कराया. शोध में सैंपल डिजाइनिंग के महत्व, क्षेत्र, उपकरण और प्रविधियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शोध के लिए अनुशासन जरूरी है.द्वितीय सत्र में प्रो. मो. शालाउद्दीन ने डेटा विश्लेषण चरण को शोध के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रतिभागियों को सैंपलिंग तकनीकों की व्यावहारिक उपयोगिता के बारे में जानकारी होनी चाहिए.तीसरे सत्र में डॉ. सपना सुगंधा ने “समूह गतिविधि: सैंपलिंग योजना विकसित करना ” विषय पर व्याख्यान दिया.कार्यशाला के दौरान, मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने अतिथियों का स्वागत किया और सत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की. कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला सहायक निदेशक डॉ. सुनील दीपक घोडके ने किया. तीसरे सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंजनी कुमार झा ने किया., उन्होंने सभी शोधार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए आगामी सत्रों के लिए शुभकामनाएं दी.
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