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वीरगंज में चाइना की मदद से मिली साइकिलों को लगायी गयी आग

भारत से सटे नेपाल के सीमावर्ती इलाके में स्कूली बच्चों को साइकिल देकर चीन के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश में जुटे चीन की मंशा को धक्का लगा है.

रक्सौल. भारत से सटे नेपाल के सीमावर्ती इलाके में स्कूली बच्चों को साइकिल देकर चीन के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश में जुटे चीन की मंशा को धक्का लगा है. वीरगंज (नेपाल) में चीनी सहायता के नाम पर पुरानी और घटिया गुणवत्ता वाली साइकिलें वितरित किए जाने के विरोध में राष्ट्रीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के द्वारा शनिवार को वीरगंज के लछुमनवा चौक पर प्रदर्शन किया गया और चीन की सहायता से मिले साइकिल को आग लगाकर विरोध जताया गया.

चीन की चालाकी अब नहीं चलेगी, मधेश को सम्मान चाहिए, पुरानी साइकिल, नया धोखा के साथ-साथ चीन, हमें बेवकूफ बनाना बंद करों आदि नारों के साथ प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं का आरोप था कि चीन ने मधेस के विद्यार्थियों का अपमान करने के लिए इस तरह की निम्नस्तरीय सामग्री सहायता के रूप में भेजी है. एक छात्र नेता ने कहा, “हमें झूठा दान नहीं, बल्कि सच्ची नीयत चाहिए. चीन ने मधेस को बेइज्जत करने के लिए कबाड़ भेजा है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि मधेस को दान के नाम पर कबाड़ नहीं, बल्कि सम्मान चाहिए. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने वितरित की गई कुछ घटिया साइकिलों को मौके पर ही आग के हवाले कर दिया. छात्र नेताओं के द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन में स्थानीय नागरिक भी शामिल हुए. स्थानीय लोगों का कहना था कि चीनी सरकार द्वारा सहायता के नाम पर फेंकी गई सामग्री भेजना मधेस विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि इस तरह की अपमानजनक गतिविधियां दोहराई गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

उल्टी पड़ गयी चीन की चाल

विद्यार्थी नेताओं का कहना है कि चीन ने सहायता के नाम पर मधेश को घटिया और बेकार साइकिलें देकर अपमानित किया है. विश्लेषकों का कहना है कि चीन नेपाल में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सहायता कार्यक्रम चला रहा है, लेकिन यदि ये कार्यक्रम सम्मानजनक और वास्तविक विकास के लिए नहीं हुए, तो इसका उल्टा असर होगा और चीन विरोधी भावनाएं बढ़ेंगी. साइकिल वितरण जब वीरगंज में किया गया था, उसी समय प्रभात खबर ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि चीन के द्वारा सीमावर्ती इलाके नेपाली बच्चों को पुरानी साइकिल दी जा रही है. सीमा के करीब आकर साइकिल वितरण के माध्यम से चीन की गलत मंशा भारत के प्रति लोगों के अंदर विभेद करने की थी, जो कि अब चीन की चाल उल्टी पड़ गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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