मोतिहारी. जिले में चमकी बुखार और मस्तिष्क ज्वर से निबटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से प्रयासरत है. इसको लेकर जिला स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है. सदर अस्पताल के जीएनएम भवन में गुरुवार को जीएनएम,एएनएम,सीएचओ,स्टॉफ नर्स समेत कुल 85 स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. सदर अस्पताल के पीकू इंचार्ज डॉ. पंकज, डॉ. फिरोज आलम व भीडीसीओ रविंद्र कुमार ने चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के उपचार से संबंधित जानकारी दी.
वहीं चमकी बुखार के कारण, लक्षण, बचाव और समुचित इलाज के बारे में विस्तृत चर्चा किया. डॉ पंकज ने कहा कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत एम्बुलेंस या निजी वाहन से सरकारी अस्पताल लेकर जाए. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्र पर ओआरएस पाउडर व पैरासिटामोल की गोली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है.इससे बचाव व सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि जिले में चमकी के प्रभाव को रोका जा सके. चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर संबंधी मामलों का कुशल प्रबंधन समय पर होना बहुत जरूरी है. भीडीसीओ रविंद्र कुमार ने बताया कि 28 फ़रवरी को चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. मौके पर सदर अस्पताल के पीकू इंचार्ज डॉ पंकज, डॉ फिरोज आलम, एवं भीडीसीओ रविंद्र कुमार, प्रेमलता कुमारी, धीरज कुमार व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.
बच्चों को रात में खाली पेट सोने नहीं दे
भीडीसीओ ने अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने की सलाह दी है. कहा कि बच्चों को रात्रि में खाली पेट न सोने दें, हल्का मीठा जरूर खिलाए. सुबह में उठाकर देखे कहीं बेहोशी या कोई भी दिक्कत तो नहीं, अगर कोई समस्या हो तो तुरंत सरकारी अस्पताल लेकर जाए. कहा कि सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में 24 घंटे इमरजेंसी इलाज की व्यवस्था है.चमकी एवं जेई के लक्षण
सिर में दर्द, तेज बुखार, अर्धचेतना, मरीज में पहचानने की क्षमता नहीं होना, भ्रम की स्थिति में होना, बेहोशी, शरीर में चमकी, हाथ व पांव में थरथराहट, रोगग्रस्त बच्चों का मानसिक संतुलन बिगड़ना आदि एईएस व जेई के सामान्य लक्षण हैं. इस ।डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है