मधुबनी.
जिला के तापमान में दिन प्रतिदिन गिरावट जारी है. लगातार पछिया हवा चलने के कारण ठंड भी बढ़ने लगी है. आलम यह है कि न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे आ गया है. इसके कारण सर्दी, खांसी, बुखार, दमा एवं आर्थो से प्रभावित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. रात में न्यूनतम तापमान कम हो रहा है. शनिवार को अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. इस दौरान अगले तीन चार दिनों में आसमान साफ और मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इस अवधि में अधिकतम तापमान 24-27 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. न्यूनतम तापमान 10-14 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. औसतन 4-6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चलने की संभावना है. हवा की दिशा और नमी में बदलाव के कारण सुबह के समय धूंध छाने की भी संभावना है.तापमान में गिरावट के साथ सर्दी का हो रहा असर :
मौसम में ही रहे बदलाव व पछिया हवा बहने के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसके कारण ठंड प्रभावित सर्दी, खांसी एवं वायरस फीवर की चपेट में आने बाले मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ने लगा है. ठंढ बढ़ने के कारण शनिवार को ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर 525 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी, खांसी, बुखार एवं दमा के 150 से अधिक मरीजों का इलाज डॉक्टर संजीव कुमार झा ने किया. आर्थो ओपीडी में डॉक्टर अभिषेक कुमार झा हड्डी से संबंधित 128 मरीजों का इलाज किया. स्त्री एवं प्रसूति ओपीडी में डॉक्टर रागिनी ने गायनिक एवं अन्य बीमारीयों से संबंधित 113 मरीजों का इलाज किया. आई ओपीडी में डॉक्टर आंकाक्षा कुमारी ने 40 मरीजों का इलाज किया . चाइल्ड ओपीडी में डॉक्टर ज्वाला ने 55 मरीजों का इलाज किया.दमा व बीपी के मरीज रखें अपना विशेष ख्याल :
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संजीव कुमार झा ने बताया है कि ठंड में दमा व ब्लड प्रेशर के मरीज अत्यधिक प्रभावित होते हैं. इसका मुख्य कारण सांस लेने वाले ग्रंथियों में सांस का अवरुद्ध होना है. इसके अधिकतर शिकार धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले मरीज होते हैं. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीज का ब्लड प्रेशर भी अधिक हो जाता है. इसका मुख्य कारण नसों में सिकुड़न होता है. ऐसे में हार्ट अटैक के मरीज की संख्या में बढ़ोतरी का कारण हर्ट को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन नहीं मिलना है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर से भी ऐसे मरीज को बचना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर के कारण ब्लड प्रेशर के मरीज पैरालाइसिस के शिकार हो सकते हैं. सर्दी के मौसम में सबसे अधिक बचाव कोल्ड एक्स्पोज़र से करना है. इसके साथ ही खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

