मधुबनी.
नगर निगम एरिया में करीब चार हजार निबंधित फुटपाथी दुकानदार हैं. क्षेत्र विस्तार के बाद इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इनका निबंधन की प्रक्रिया जारी है. फुटपाथ विक्रेता और छोटे वेडर्स शहरी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं. ये लोग अपने छोटे कारोबार के माध्यम से न केवल अपना भरण-पोषण करते हैं, बल्कि समाज को सस्ती और सुलभ सेवाएं भी प्रदान करते हैं. इनमें से अधिकतर गिलेशन मंडी में अपना कारोबार कर रहे हैं. जिनकी हालत काफी बदतर है. खुले आसमान के नीचे वेंडर्स अपना कारोबार चला रहे हैं. यहां पर पहले वेडिंग जोन बना था. जिसे नये सिरे से बनाये जाने की उम्मीद में तोड़ दिया गया. वे लोग लगभग सात वर्ष से बदहाल स्थिति में कारोबार करने को विवश हैं.कठिनाई का करना पड़ रहा है सामना
शहर में निबंधित और गैर निबंधित वेडर्स को न केवल अपनी जीविका चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है बल्कि प्रसासानिक कार्रवाई के कारण उनका कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. लगातार इन मुद्दों पर समाधान के लिए जिला फुटपाथ विक्रेता रोजी-रोटी मजदूर यूनियन के बैनर तले ज्ञापन दिया जाता रहा है. इन विक्रेताओं के प्रतिनिधित्व करने वालों ने बताया कि 2014 में लागू किए गए फुटपाथ विक्रेताओं के अधिकारों के संरक्षण का कानून विक्रेताओं को स्थायी और सुरक्षित स्थान प्रदान करना है. लेकिन गिलेशन मंडी में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं है. जिससे उन्हें प्रतिदिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गिलेशन मंडी में वेंडर्स हमेशा प्रकृति की मार झेलने को विवश हैं. गमीं, बरसात व ठंड में जैसे तैसे ये काम करने को विवश हैं. प्रकृति के विपरीत होने पर कारोबार समेटना पड़ता है. उस दिन उन्हें हजारों का नुकसान होता है. परिवार का भरण पोषण भी मुश्किल होता है.
नहीं बना एक भी वेंडिंग जोन
यहां पर सही तरीके से एक भी वेंडिंग जोन नहीं बनाया गया है. वेंडिंग जोन के लिए लगभग चार साल पहले 15 स्थानों को शहर में चिन्हित किया गया था. जिसमें कोतवाली चौक, शिवगंगा बालिका प्लस टू के पास, सदर एसडीएम के कार्यालय के सामने, सदर अस्पताल के पास, निधि चौक के पास, स्टेशन के सामने, मालगोदाम रोड, आरके कॉलेज और अन्य स्थान शामिल है. लेकिन कहीं भी वेंडिंग जोन का निर्माण नहीं हो सका है.योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
कोरोना के समय में केंद्र सरकार द्वारा पीएम स्वनिधि योजना की शुरूआत की गयी. इसके तहत प्रथम किस्त के रुप में 10 हजार व दूसरे किस्त के रुप में 20 हजार और फिर उसके चुकता करने पर अधिक राशि लोन देने का प्रावधान किया गया है. लेकिन इसमें भी इतनी तकनीकी खामियां है कि पहले किस्त के रुप में 10 हजार की राशि लोन लेने वाले अधिकांश कारोबारी दूसरे किस्त के लिए आवेदन नहीं करते हैं.
क्या कहते हैं मेयरमेयर अरुण राय ने कहा कि कारोबारियों व ग्राहकों के लिए वेडिंग जोन आवश्यक है. गिलेशन मंडी का निरीक्षण किया गया है. यहां पर बेहतर बाजार का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए कारगर रूप से पहल की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

