मधुबनी. ब्रह्मर्षि विकास सेवा संस्थान के तत्वाधान में गुरुवार को गंगा सागर राम जानकी मंदिर परिसर में सामूहिक उपनयन संस्कार का आयोजन किया गया. हंसी खुशी के माहौल में बहुत ही भव्य तरीके से उपनयन संस्कार का रश्म पूरा किया गया. महिलाओं के गाये जा रहे मंगलगीत से माहौल काफी रमणीय हो रहा था. हर ओर बधाई, मंगलगीत से लोग काफी आनंदित हो रहे थे. दो दिन पूर्व से ही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिये लोग जुटने लगे थे. अन्य जिलों से भी आये लोग इस अवसर पर मधुबनी जिला सहित सुरसंड व सीतामढ़ी जिला के बरुआ का उपनयन वैदिक रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ. संस्था के अध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि सामूहिक उपनयन संस्कार में दो दिन से लोग जुट रहे हैं. उपनयन के दिन एक हजार लोगों ने इस पुनीत कार्य में भाग लेकर बरुआ को आशिर्वाद दिया. श्री पांडेय ने कहा कि इस बार संस्थान के सदस्यों ने अगले साल से सामूहिक उपनयन के साथ ही 11 बर बधू का विवाह भी कराने का निर्णय लिया है. सामूहिक उपनयन के अवसर पर बरुआ, आचार्य व पंडित को पांचों वस्त्र दिया गया. बरुआ के साथ आए उनके परिजन को सुबह में नाश्ता, चाय के साथ ही सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया. सामूहिक उपनयन के अवसर पर कई जन प्रतिनिधि ने भी भाग लिया. इस अवसर पर दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्र ने कहा कि इस तरह के आयोजन से समाज को बहुत ज्यादा सहयोग मिलता है. सामूहिक उपनयन में एक जगह इतने बरुआ का उपनयन संस्कार करा कर ब्रह्मर्षि विकास सेवा संस्थान ने एक इतिहास रचा है. वहीं, मेयर अरुण राय ने कहा कि इस तरह के आयोजन से बरुआ के परिजन को खर्च कम उठाना पड़ता है. सभी बरुआ के उज्वल भविष्य को लेकर आशिर्वाद दिया गया. कार्यक्रम में शामिल होने के लिये मधुबनी विधायक समीर कुमार महासेठ भी पहुंचे. सामूहिक उपनयन संस्कार में संस्था के संस्थापक प्रो. रवींद्र पांडे, रामशृंगार पांडेय, सचिव अरुण कुमार चौधरी, उपाध्यक्ष महंथ रत्नेश्वर दास, कोषाध्यक्ष रविन्द्र नारायण राय, श्याम नंदन तिवारी, राम कुमार, साजन सिंह,नंदन ठाकुर, हीरा मिश्र,दिनेश्वर झा,राघवेंद्र प्रसाद ठाकुर, पवन कुमार सिंह पप्पू, बबलू सिंह, विजय कुमार दुबे,विजय ठाकुर,उपेंद्र सिंह,नवनीत कुमार,चंदन ठाकुर,रामकुमार ठाकुर,लाल नारायण सिंह,धनेश्वर झा,अनिल कुमार अनिल,महावीर पांडे, मुकेश ठाकुर,विंदेश्वर ठाकुर,राम बाबू चौधरी,राजू मिश्र,तारणि सिंह सहित संस्था के सैकड़ों सदस्यों ने उपनयन संस्कार को सफल बनाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहे थे. इस अवसर पर संस्थान के तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. प्रवीण मिश्र ने उपनयन गीत गा कर कार्यक्रम में आए लोगों का मनोरंजन किया.
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