मधुबनी . टीबी उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. फिर भी टीबी मरीजों की संख्या में इजाफा जारी है. सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर ने कहा है कि जिले में जनवरी 2025 से सितंबर 2025 तक 4815 मरीज चिन्हित किया गया है. वहीं सितंबर माह में टीबी के 391 मरीजों चिन्हित किया गया. इसमें से प्राइवेट संस्थानों में 120 व सरकारी संस्थान में 259 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें एमडीआर के 12 मरीजों की पहचान की गई है. एमडीआर के मरीजों का उपचार 9 माह से 2 साल तक चलता है. विदित हो कि जनवरी 2025 से अगस्त 2025 तक टीबी के 4444 मरीज चिन्हित किया गया था. जबकि अगस्त माह में टीबी के 275 मरीजों को चिन्हित किया गया था. टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए विभाग द्वारा यक्ष्मा मरीजों के संपर्क में रहने वाले परिजनों को ट्यूबरक्लोसिस प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दी जाती है. इसके तहत आइसोनियाजेड एवं रिफापेंटिंन की डोज दी जा रही है. इसके लिए सोमवार को यक्ष्मा कार्यालय में सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर की अध्यक्षता में टीबी कार्यक्रम की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में सभी एसटीएस, एसटीएलएस, सहयोगी संस्था आईआइएच, डीएफवाई एवं डीएफआइटी के प्रतिनिधियों को टीबी से बचाव के लिए नयी दवा के बारे में पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई. बैठक में टीबी कर्मियों को प्रीवेंटिव टीबी इक्जामिनेशन रेट, टीबी नोटिफिकेशन एवं ट्रीटमेंट आउटकम को लक्ष्य के अनुरूप पुरा करने का निर्देश दिया. विदित हो कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. जबकि जिले में हर माह टीबी मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. सीडीओ डा. जीएम ठाकुर ने कहा कि एमडीआर टीबी मरीजों का उपचार 9 माह से 2 साल तक चलता है. जिले में टीबी मरीज़ों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण अधिकतर मरीजों द्वारा बीच में ही इलाज एवं नियमित रूप से दवा का सेवन करना छोड़ देना है. उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग द्वारा निक्षय मित्र योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत मरीजों को गोद लिया जा रहा है. इसके लिए सरकार और विभाग अपने स्तर से पूरी तरह से प्रयासरत है. बैठक के दौरान उन्होंने सभी एसटीएस, एवं एसटीएलएल को टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए विशेष रणनीति के तहत कार्य करने का निर्देश दिया. बैठक में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई. सीडीओ ने कहा कि जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आयुष्मान आरोग्य मन्दिर ) पर टीबी स्क्रीनिंग व बलगम संग्रह की सुविधा उपलब्ध है. टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से सघन टीबी खोज अभियान की शुरुआत की जा रही है. इसमें जन प्रतिनिधियों से टीबी मुक्त पंचायत बनाने में सहयोग करने की अपील की गई. जिले में टीबी मरीजों की संख्या में इजाफा सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर ने बताया कि जिले में जनवरी 2025 से सितंबर 2025 तक टीबी के 4815 मरीजों चिन्हित किया गया है. सितंबर माह में टीबी के 391 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें प्राइवेट संस्थानों में 120 व सरकारी संस्थान में 259 मरीज चिन्हित किया गया. इसमें एमडीआर के 12 मरीजों की पहचान की गई है. एमडीआर के मरीजों का उपचार 9 माह से 2 साल तक चलता है. उन्होंने बताया कि राज्य के निर्देशानुसार प्रति1000 जनसंख्या पर 30 लोगों का टीबी का स्क्रीनिंग किया जा रहा है. जिले के 16 प्रखंडों में ट्रूनट मशीन से टीबी जांच की जा रही है. सीडीओ ने कहा कि पोषण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025 – 2026 में 30 अप्रैल से 31 जुलाई 2025 तक 4800 मरीजों को डीबीटी के माध्यम से 1 करोड़ 31 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान किया गया है.
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