मधुबनी. ठंड के मौसम में चर्म रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के दौरान त्वचा के रूखापन बढ़ने से लोगों को खुजली, फटने, दाने, लालपन, फफोले और संक्रमण जैसी समस्याएं अधिक होती है. इस मौसम में शरीर की साफ-सफाई और त्वचा की नियमित देखभाल अत्यंत आवश्यक है. विडंबना यह है कि सदर अस्पताल में एक भी चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पदस्थापित नहीं है. ऐसे में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में आने वाले चर्म रोग पीड़ित मरीजों को मेल मेडिकल ओपीडी में तैनात चिकित्सक से ही इलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है. सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार ने कहा कि सर्दी के मौसम में लोग अक्सर ठंड के कारण नियमित स्नान या कपड़े बदलने में लापरवाही करते हैं, इससे फंगल संक्रमण व खुजली जैसी बीमारियां फैलती है. उन्होंने कहा कि ठंड में भी साफ-सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना चर्म रोगों से बचाव का सबसे कारगर उपाय है. त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ सामान्य सावधानियां अपनानी चाहिए. रोज स्नान करें और शरीर को साफ रखें. नहाने के बाद शरीर पर नारियल तेल या मॉइस्चराइजर लगाएं. बहुत गर्म पानी से नहीं नहाएं, इससे त्वचा और रूखी हो जाती है. अपने कपड़े, तौलिया या अन्य व्यक्तिगत वस्तुएं किसी के साथ साझा नहीं करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और मौसमी फल-सब्जियां खाएं. अगर त्वचा पर लालपन, खुजली या पस वाले दाने हों तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. विदित हो कि जिला अस्पताल से लेकर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चर्म रोग के एक भी चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. चिकित्सक ने कहा कि चर्म रोग से पीड़ित मरीजों को स्वयं दवा लगाने या घरेलू उपचार करने की बजाय प्रशिक्षित डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्दी में अपनी त्वचा की देखभाल करने, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने और किसी भी तरह की त्वचा संबंधी समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है.
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