मधुबनी.
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय प्रथम सह विशेष न्यायालय एससी, एसटी के न्यायाधीश सैयद मो. फजलूल बारी की न्यायालय में अनुसूचित जाति के महिला के साथ हुए गाली-गलौज व मारपीट मामले की सजा के बिंदु पर बुधवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद आरोपी बिस्फी के पतौना ओपी क्षेत्र के तेघरा निवासी रामलाल यादव को एससी-एसटी एक्ट में चार वर्ष कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने 2 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. साथ ही न्यायालय ने आरोपी को दफा 504 भादवि में दो वर्ष, दफा 323 भादवि में एक वर्ष और दफा 341 भादवि में एक माह की सजा सुनायी है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. सरकार की ओर से न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक सपन कुमार सिंह ने बहस कर अधिक से अधिक सजा देने की मांग की थी. वहीं, बचाव पक्ष से अधिवक्ता सत्यनारायण यादव ने बहस करते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी.क्या है मामला
विशेष लोक अभियोजक के अनुसार घटना 17 जून 2013 की है. गांव में मुखिया की ओर से रास्ते पर मिट्टी गिराया जा रहा था. सूचक के सामने आरोपी का घर है. वह निर्माणाधीन सड़क पर ही भैंस बांधी थी. वहीं, कार्य कर रहे मजदूर को मिट्टी नहीं फैलाने दे रहा था. इसी पर सूचक की मां आरोपी को भैंस हटाने व सड़क का निर्माण होने देने को कहा. जिसपर आरोपी और उनके अन्य परिजनों ने सूचक की मां को जाति सूचक गाली देते हुए लाठी-डंडे से मारपीट की. जिससे वह जख्मी हो गयी. मामले को लेकर जख्मी के पुत्र राम लाल यादव ने बिस्फी पतौना ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है