सीएस ने सीएचसी बासोपट्टी का किया औचक निरीक्षण मधुबनी . स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. इसके लिए दिन ही नहीं बल्कि रात में भी स्वास्थ्य संस्थानों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है. इस क्रम में सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बासोपट्टी का निरीक्षण किया. इस दौरान कार्यस्थल से अनुपस्थित सात चिकित्सकों एवं तीन स्वास्थ्य कर्मियों से सिविल सर्जन ने जवाब-तलब करते हुए वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर संबंधित चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. रोस्टर के अनुसार उपस्थित रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी : अस्पताल में भर्ती एवं इलाज के लिए आने वाले मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य प्रशासन समर्पित है. ऐसे में रोस्टर के अनुसार कार्य स्थल से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को चेतावनी देते हुए कहा कि ड्यूटी से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. सीएस ने रोस्टर के अनुसार सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को ड्यूटी करने का सख्त निर्देश दिया. ताकि अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सके. रोस्टर के अनुसार चिकित्सक के अनुपस्थित होने की स्थिति में बिना इलाज के वापस जाने वाले मरीजों से शिकायत मिलने पर संबंधित चिकित्सक एवं स्टाफ के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करते हुए विभाग को सूचना दी जाएगी. कार्यशैली में बदलाव नहीं लाने वाले चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को कार्यस्थल से अनुपस्थित रहने पर अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए विभाग को सूचित किया जाएगा. सात चिकित्सक सहित तीन कर्मियों से स्पष्टीकरण : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बासोपट्टी में निरीक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मणिभूषण यादव, डॉ. सुमंत कुमार, डॉ. शमीम, डॉ. असद आलम, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. सोनू प्रिया, डॉ. सोनू कुमार, स्टाफ नर्स अनीता कुमारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक लक्ष्मण ठाकुर एवं स्टाफ नर्स मुकेश कमार शामिल थे. सिविल सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कुछ देर बाद पहुंचे. लिहाज उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई है. जबकि 6 अन्य चिकित्सकों एवं तीनों स्वास्थ्य कर्मियों से स्पष्टीकरण के साथ उनके वेतन को अवरुद्ध किया गया है.
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