झंझारपुर. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय (द्रव्यगुण विभाग) एवं काशी ज्योतिष संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में “आयुर्ज्योतिष 2025” अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें दीप गांव निवासी राघव नाथ झा को सम्मानित किया गया. ज्योतिर्वेद विज्ञान उपनिदेशक डॉ. राघव नाथ झा ने कहा कि सम्मेलन में आयुर्वेद और ज्योतिष के समन्वय से चिकित्सा-विज्ञान को नये दृष्टिकोण प्रदान करने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई. कहा कि “औषधि तभी उत्तम फल देती है जब वह उचित समय पर दी जाए. यही समय-ज्ञान ज्योतिष से संभव है. चरक संहिता, भावप्रकाश एवं भागवत महापुराण के उदाहरणों से यह स्पष्ट किया कि काल और ग्रह-स्थिति का विचार चिकित्सा में प्राचीनकाल से महत्वपूर्ण रहा है. डॉ. झा ने बताया कि यदि चिकित्सा शिक्षा में ज्योतिष को सम्मिलित किया जाए तो रोगों के पूर्वानुमान, समयानुकूल उपचार, व्यय में कमी और समाज में स्वास्थ्य-चेतना की वृद्धि संभव है.
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